पाक में लोग मांग रहे हैं शांति का नोबेल, फिर इमरान परेशान क्यों? पाकिस्तान का समर्थन ओआईसी के इस प्रस्ताव के बाद पाकिस्तान के विदेश विभाग ने भी भारत पर तंज कसते हुए कहा है कि ओआईसी देशों ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। ओआईसी ने भारत पर कश्मीर में मिलिट्री फोर्स की तैनाती को गलत करार दिया है।
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ओआईसी के प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के लागू करने के लिए उनके दायित्व को भी याद दिलाया है। पाक विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ओआईसी के सदस्यों देशों ने पाकिस्तान की ओर से लाए गए नए प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसमें भारत द्वारा पाकिस्तान हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताई गई है। इस्लामिक संगठन ने पाकिस्तान के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि की है और भारत से धमकाने या ताकत के इस्तेमाल पर संयम बरतने का अनुरोध किया है।
ओआईसी के प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीर विवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के लागू करने के लिए उनके दायित्व को भी याद दिलाया है। पाक विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा कि ओआईसी के सदस्यों देशों ने पाकिस्तान की ओर से लाए गए नए प्रस्ताव को स्वीकार किया जिसमें भारत द्वारा पाकिस्तान हवाई क्षेत्र के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताई गई है। इस्लामिक संगठन ने पाकिस्तान के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि की है और भारत से धमकाने या ताकत के इस्तेमाल पर संयम बरतने का अनुरोध किया है।
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आपको बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ओआईसी को संबोधित करते हुए कहा था कि जो देश आतंकवादियों का वित्तपोषण करता है और उसे पनाह देता है, उसे निश्चित ही उसकी धरती से आतंकी शिविरों को समाप्त करने के लिए कहा जाना चाहिए। अगर मानवता को बचाना है तो हमें आतंकवादियों का वित्तपोषण करने वाले और उन्हें पनाह देने वाले देशों से उनकी धरती पर आतंकी शिविरों के ढांचों को समाप्त करने और पनाहगाहों को समाप्त करने के लिए कहना चाहिए।
आपको बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ओआईसी को संबोधित करते हुए कहा था कि जो देश आतंकवादियों का वित्तपोषण करता है और उसे पनाह देता है, उसे निश्चित ही उसकी धरती से आतंकी शिविरों को समाप्त करने के लिए कहा जाना चाहिए। अगर मानवता को बचाना है तो हमें आतंकवादियों का वित्तपोषण करने वाले और उन्हें पनाह देने वाले देशों से उनकी धरती पर आतंकी शिविरों के ढांचों को समाप्त करने और पनाहगाहों को समाप्त करने के लिए कहना चाहिए।