एक कानून को लेकर दोनों के बीच दूरियां आ गईं। लिबरमैने ने नए कानून को परित करने पर जोर दिया था। इसके तहत यूहिदियों के अलावा भी अन्य युवाओं को मिलिट्री में भेजा जाए। वहीं नेतन्याहू ने पुराने प्रस्ताव को बरकरार रखा। लिबरमैन की पार्टी इजरायल बेतेनु पार्टी के पास पांच सीटे हैं और उसके बिना नेतन्याहू सरकार नहीं बना सकते। लिबरमैन ने कहा कि प्रस्तावित कानून एक प्रतीक बन गया है और हम अपने प्रतीकों के मामले में नहीं झुकेंगे। नेतन्याहू और लिबरमैन सोमवार शाम मिले और रास्ता निकालने के लिए चर्चा की। इजरायली मीडिया के मुताबिक, यह बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। लिकुड के नेताओं ने बताया कि नेतन्याहू जल्द नए चुनाव के आदेश दे सकते हैं।