वाशिंगटन। इस्लामिक स्टेट (आईएस) का एक और खतरनाक चेहरा सामने आया है। आतंकियों ने इराक के प्रतिष्ठित मोसुल विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के लैब को बम बनाने का अड्डा बना डाला है। यहां पर रासायनिक बम और आत्मघाती हमलों में काम आने वाले जैकेट (सुसाइड वेस्ट) बनाए जा रहे हैं।
एक अमरीकी अखबार ने इराकी और अमेरिकी सैन्य अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट तैयार की है। विवि के लैब में पिछले साल से विस्फोटकों का निर्माण किया जा रहा है। विस्फोटकों व गोला-बारूद मामलों के शीर्ष इराकी अधिकारी जनरल हातेम मगसोसी के मुताबिक मोसुल विवि के प्रयोगशाला के चलते आईएस की इराक में हमले करने की क्षमता बढ़ी है।
2014 में किया था कब्जा आईएस ने 2014 में मोसुल पर कब्जा किया था। उस वक्त वहां कई प्रोफेसर थे, लेकिन बाद में आईएस ने आतंकियों को रखना शुरू कर दिया।
पैराक्साइड व नाइट्राइट बम आतंकी यहां बम बनाने का तरीका सीखते हैं और फिर अपने देश जाकर कर इसका इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि इस लैब में पैराक्साइड और नाइट्राइट आधारित बम बनाए जाते हैं। जनरल मगसोसी ने इसे खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि मोसुल विवि का लैब आईएस का सबसे बेहतरीन शोध केंद्र है। आतंकी शुरुआत में रक्का (सीरिया) जाते हैं।