25 फरवरी को ब्रिटेन ने लेबनानी हिज्बुल्लाह आंदोलन की राजनीतिक इकाई को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। इसके साथ ही ब्रिटेन ने शिया आंदोलन से जुड़ने की इच्छा भी जताइ्र है। इस काम में शिया आंदोलन के नेताओं से सहयोग देने की भी अपील की है।
हिज्बुल्लहा प्रमुख हसन नसरल्लाह ने कहा है कि पश्चिमी देशों की ओर से आंदोलन पर लगाया गया प्रतिबंध हमारे खिलाफ युद्ध की घोषणा की है। फिलहाल इन प्रतिबंधों की वजह से आंदोलन वित्तीय संकट की समस्या से जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए हमें अपने समर्थकों से आर्थिक सहयोग की जरूरत है। ताकि इस आंदोलन को जिंदा रखा जा सके। हम पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के सामने नहीं झुकेंगे और इसका डटकर मुकाबला करेंगे।
हिज्बुल्लाह आंदोलन का गठन 1982 में लेबनान में गृह युद्ध के समय हुआ था। हिज्बुल्लाह लेबनान में प्रमुख राजनीतिक पार्टी है। वहां की कैबिनेट में इस पार्टी के तीन सांसद मंत्री हैं। 1997 में अमरीका ने इस आंदोलन को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। यूरोपियन यूनियन की ओर से इस पर 2013 से प्रतिबंध जारी है। यह आंदोलन सीरिया के गृह युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ संघर्षरत समूहों का समर्थन करता है।