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पीड़ित परिवार ने रखी थी मांग बता दें कि कुछ दिन पहले ही आईजी मेरठ रेंज अलोक कुमार और मेरठ मंडल कमिश्नर अनीता मेश्राम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान पीड़ित परिवार ने स्थानीय पुलिस पर सीमा में उलझने के साथ सुस्त रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। साथ ही पीड़ित परिवार ने शासन व प्रशासन से घर से एक व्यक्ति को नौकरी, मुआवजा के साथ ही उनके बच्चे की फ्री एजुकेशन की मांग की थी। पीड़ित परिवार द्वारा स्थानीय पुलिस पर लगाए गए आरोपों की जांच सीओ को सौंपी गई थी। सीओ द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपे जाने पर बिसरख कोतवाल समेत छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। यह भी पढ़ें
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अन्य मांगों पर शासन कर रहा विचार इस मामले में डीएम बी.एन सिंह ने बताया कि गौरव चंदेल के परिवार को शासन की तरफ से 20 लाख का चेक आर्थिक मदद के तौर पर सौंपा गया है। परिवार ने भी अपनी कुछ बातों व मांगों को रखा है, जिस पर शासन द्वारा विचार किया जाएगा। ये है पूरा मामला गौरतलब है कि बीती 6 जनवरी की देर रात थाना फेस-3 क्षेत्र में पर्थला चौक से आगे नाले के पास सर्विस रोड पर गौर सिटी निवासी गौरव चंदेल का शव पड़ा मिला था। पुलिस के मुताबिक लूट करने के इरादे से बदमाशों द्वारा इस वारदात को अंजाम दिया गया है। वहीं मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही का जिक्र इस कद्र दिखा कि मामले का संज्ञान उच्च अधिकारियों को लेना पड़ा। वहीं अभी तक भी आरोपियों को पुलिस पकड़ पाने में नाकाम है। जिसके चलते आए दिन सोसाइटी के लोग सड़कों पर उतरकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने की गुहार लगा रहे हैं।