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पेश हुए बजट में गांवों के विकास के लिए 103 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके पहले फेज में 5 स्मार्ट विलेज के लिए 49.30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा एयरपोर्ट के लिए 425 करोड़ और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रसेवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोडने के लिए प्रस्तावित इंटरचेंज के लिए 83.94 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह भी पढ़ें
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यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए तय किए गए कुल 2223 करोड़ में से 1984 करोड़ रुपये का राजस्व प्राधिकरण अपने संसाधनों से जुटाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में कुल 1359 करोड़ की प्राप्ति हुई थी, जो वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुकाबले अधिक थी। वर्ष 2018-19 में 350 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया था, जो उसके पिछले वित्तीय से 400 करोड़ रुपये कम है। वित्तीय वर्ष-2019-20 के बजट में 3684 करोड़ रुपये की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। जबकि इस अवधि में 1461 करोड़ रुपये का कर्ज लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आशियाना बनाना हुआ महंगा सीईओ ने बताया कि 200 वर्गमीटर के आवासीय भूखंडों की दर में 5 फीसदी, 200 वर्गमीटर से अधिक के भूखंडों पर 6 प्रतिशत, ग्रुप हाउसिंग और बिल्डर भूखंडों की दरों पर 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसके अलावा संस्थागत और औद्योगिक भूखंडों पर 4 फीसदी, आईटी, आईटीईएस पर 6 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। इसके अलावा अन्य सभी योजनाओं की भूमि की दरों में 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
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