ग्रेटर नोएडा। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट गौतमबुद्ध नगर के जेवर में बनने की घोषणा के साथ ही इस क्षेत्र में विकास की गाड़ी दौड़ पड़ी है। शासन की तरफ से जेवर क्षेत्र के लिए तमाम बड़ी योजनाओं को हरी झंडी दे दी गई है। इस बीच अब यमुना प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे टप्पल-बाजना में एक और औद्योगिक शहर बसाने का फैसला किया है। जिस पर सीएम योगी ने भी मुहर लगा दी है। जिसके बाद अब प्राधिकरण द्वारा इसकी डीपीआर बनवाने पर विचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसके बनने के साथ ही कई जिलों के गावों का तेजी से विकास हो सकेगा।
यह भी पढ़ें
RTI से बड़ा खुलासा: नहीं रुक रहा भारतीय गैंडों का शिकार, 2 वर्षों में मार दिए गए इतने Rhinoceros दरअसल, यमुना एक्सप्रेस-वे किनारे 11104 हेक्टेयर में बसने वाले शहर का नाम टप्पल बाजना अर्बन सेंटर रखने पर विचार किया जा रहा है। प्राधिकरण के अधिकारियों की मानें तो इस नए शहर में लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग कलस्टर तैयार किया जाएगा। इसके अलावा इसमें आवासीय, औद्योगिक, मिश्रित भू उपयोग समेत तमाम तरह की श्रेणी रखी जाएंगी। प्राधिकरण इसके लिए प्लान तैयार कर डीपीआर के लिए कंपनी के चयन की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने जा रहा है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। इसमें लॉजिस्टिक और वेयर हाउसिंग कलस्टर विकसित किया जाएगा। इसकी डीपीआर बनवाने के लिए जल्द ही एजेंसी का चयन हो गया है। यह भी पढ़ें
नौकरी छोड़ने या बदलने पर तुरंत नहीं निकालें पीएफ का पैसा, जानिए इसके फायदे बता दें कि यमुना प्राधिकरण के अंतर्गत छह जिले आते हैं और प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र यमुना एक्सप्रेस वे के किनारे आता है। अधिकारियों का कहना है कि जेवर में एयरपोर्ट बनने की घोषणा होने के बाद अब नए शहर बसाने की जरूरत है। क्योंकि तेजी से लोगों का रुझान यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर बढ़ रहा है। जिसके कारण लोगों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पहले से ही तैयारी करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए टप्पल बाजना में नया औद्योगिक शहर बसाने का फैसला किया गया है। क्योंकि यह क्षेत्र एयरपोर्ट के पास ही है और लोगों को सुविधा हो सकेगी। 35 सेक्टर में बसाया जाएगा नया शहर अधिकारियों के मुताबिक 11104 हेक्टेयर में बसने वाले टप्पल-बाजना अर्बन सेंटर में 1794.4 हेक्टेयर उद्योगों और 1608.3 हेक्टेयर मिश्रिम भू उपयोग के लिए आरक्षित रखा जाएगा। साथ ही शहर की अन्य सुविधाओं को भी ध्यान में रखते हुए जमीन का प्रावधान किया जाएगा। इस शहर को 35 अलग-अलग सेक्टरों में बसाया जाएगा। इसमें मुख्य गतिविधि लॉजिस्टिक एवं वेयर हाउसिंग कलस्टर की रहेगी।