ग्रेटर नोएडा

पीसी गुप्ता के बाद उनके इन तीन करीबी लोगों पर अथॉरिटी ने की यह कार्रवाई

घोटाले से जुड़ी फाइलों को गायब करने का है आरोप

ग्रेटर नोएडाJun 28, 2018 / 04:25 pm

virendra sharma

पीसी गुप्ता के बाद उनके इन तीन करीबी लोगों पर अथॉरिटी ने की यह कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा. यमुना अथॉरिटी में हुए 126 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में पुलिस जांच में नए—नए नाम सामने आ रहे है। वहीं अथॉरिटी अफसरों ने सख्त तेेवर कर लिए है। अथॉरिटी अफसरों ने 2 मैनेेजर समेत 3 को नौकरी से निकाल दिया है। जमीन घोटाले में इन तीनों पर भी यमुना अथॉरिटी के रिटायर्ड अफसर पी. सी. गुप्ता और घोटाले में जुड़े अन्य लोगों का साथ देने का आरोेप है। तीनों ही अथॉरिटी में संविदा पर तैनात थे। वहीं सुत्रों की माने तो अभी अन्य कर्मचारियों और अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।
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यमुना अथॉरिटी में तैनात रहे रिटायर्ड आईएएस अफसर पीसी गुप्ता 126 करोड़ की जमीन घोटाले के मामले मेंं 10 दिन तक ग्रेटर नोएडा पुलिस रिमांड पर है। पुलिस के अधिकारियों की माने तो जांच में सामने आया है कि जहांगीरपुर, मथुरा, हाथरस समेत करीब 15 गांवों में जमीन खरीद घोटाले की पूरी प्लानिंग लैंड डिपार्टमेंट की तरफ से की गई थी। जांच के बाद से ही संविदा पर तैनात कई कर्मचारी और मैनेजर गुप्ता गैंग के लगातार संपर्क में रहकर जांच की जानकारी लीक रहे थे। साथ ही घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेजों को भी गायब करने की फिराक में थे। जिसके चलते अथॉरिटी के प्लानिंग विभाग में तैनात मैनेजर ब्रजेश कुमार और लैंड विभाग में तैनात मैनेजर शेरगिरी की जांच कराई गई। वहीं टाइपिस्ट मनोज दत्ता भी पूरे मामले में भूमिका सामने आई है।
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि टाउन प्लानर बृजेश प्लानिंग विभाग में तैनात था। यह 2013 में विभाग में तैनात हुआ था। इनके अलावा मैनेजर श्रीगिरी 2015 और 2011 में मनोज तैनात हुआ था। आरोप है कि इन्होंने पहले कई फाइल गायब करने का प्रयास किया था। बताया जा रहा है कि फाइनैंश विभाग के कर्मचारी भी इस घोटाले में जुड़े हो सकते है। दरअसल में जमीन देने के दौरान एकमुश्त की वजह 30-30 लाख रुपये के चेक बनाए गए थे, ताकि इनकम टैक्स विभाग से बचा जा सकेे।
इन अफसरों की भी सामने आई मिलीभगत
रिमांड पर चल रहे पी. सी. गुप्ता ने पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने और भी खुलासे किए है। पूछताछ के दौरान यमुना अथॉरिटी के तत्कालीन 2 तहसीलदार और तत्कालीन ओएसडी का नाम भी सामने आया है। तत्कालीन तहसीलदार रहे रणवीर सिंह को मास्टर माइंड बताया जा रहा है। इस दौरान जमीन की रजिस्ट्री में गवाही देने वालों और जिन लोगों के बैंक अकाउंट में रकम ट्रांसफर हुई थी, ऐसे 12 लोगों के नाम भी सामने आए है। सीओ फस्र्ट अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच में तीन अन्य नाम शामिल किए गए हैं। उनकी भी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
मौके पर जाकर पुलिस करेगी जांच

यमुना अथॉरिटी के रिटायर्ड आईएएस पीसी गुप्ता फंसे 126 करोड़ के जमीन घोटाले में पुलिस की तहकीकात बढ़ती जा रही है। अब पुलिस की टीम मौके पर भी जाकर जांच करेंगी। पुलिस ने यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों से जमीन का खसरा, खतौनी, नक्शा, पत्रावली समेत अन्य डॉक्यूमेंटस मांगे है। माना जा रहा है कि सरकारी जमीन में भी इन अफसरों ने मिलकर घोटाला किया है। 10 दिन के रिमांड पर पुलिस पुलिस पी.सी. गुप्ता केस डायरी को मजबूत करने में जुटी है। जिन 4 जिलों में गुप्ता व अन्य अफसरोंं के रिश्तेदारों ने जमीन खरीदी है, वहां जाकर पुलिस यह भी जांच करेंगी कि कहीं ग्रामसभा, वन विभाग समेत सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से रिश्तेदार व अपने नाम तो नहीं कराया गया हे।
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