पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि अब तक हम दूध को ही डेयरी उद्योग का मुख्य भाग समझते रहे, लेकिन अब हम गोबर को भी इस उद्योग में शामिल कर डेयरी किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2022 में पहली बार ग्रेटर नोएडा में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी फेडरेशन विश्व डेयरी समिट का आयोजन हो रहा है। इस आयोजन में दुनियाभर के 156 डेलीगेट हिस्सा लेंगे, जिनमें 89 दुनिया के दूसरे देशों के होंगे। उन्होंने कहा कि 1974 में पूरे हिंदुस्तान में मात्र 23 मिलियन लीटर दूध उत्पादन किया जाता था, लेकिन अब यह 2022 में 220 मिलियन लीटर पर पहुंच गया है। पूरे देश के 8 करोड़ से अधिक परिवार दूध के कारोबार से जुड़े हुए हैं और तकरीबन 9.30 लाख करोड़ रुपये का व्यापार होता है।
यह भी पढ़ें – PM Modi ने दुग्ध क्रांति के सबसे बड़े सम्मेलन का शुभारंभ किया ‘पशुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए खर्च किए 700 करोड़’ रूपाला ने कहा कि 4332 मोबाइल वेटरनरी यूनिट तैयार की गई हैं, जो देशभर में पशुओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगी। इस पर 700 करोड़ रुपये की लागत आई है। उत्तर प्रदेश, बिहार को दूध उत्पादन के क्षेत्र में और आगे ले जाने के लिए सरकार ने जापान सरकार के साथ एक एमओयू साइन किया है, जिसके परिणाम आने वाले दिनों में देखेंगे।
यह भी पढ़ें – PM मोदी ने डेयरी उत्पादन को भारत में बताया नंबर-1, कहा- महिलाओं का अहम योगदान ‘धन अर्जन करने की नई राह मिलेगी’ उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में कहा कि जल्द ही गोबर धन योजना को और सफल बनाने के प्रयास किए जाएंगे। यह योजना गोबर के जरिए धन अर्जित करने की दिशा में हमें नई राह देगी।