यह भी पढ़े – World dairy summit 2022: PM मोदी ने डेयरी उत्पादन को भारत में बताया नंबर-1, कहा- महिलाओं का इसमें अहम योगदान 2025 तक के लिए रखा ये लक्ष्य पीएम ने आगे कहा कि जब पशु बीमार होता है तो वह किसान के परिवार को, उसकी आय को प्रभावित करता है। पीएम ने कहा कि भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि आने वाले साल 2025 तक हम भारत में शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिसकी वैक्सीन लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति पाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हम पशुओं की पहचान कर रहे हैं। जिसे हमने ‘पशु आधार’ नाम दिया है।
यह भी पढ़े – शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, 2.5 लाख किताबों से गायब हुआ राष्ट्रगान का उत्कल और बंग खेती में मनोकल्चर ही समाधान नहीं पीएम ने मनेाकल्चर पर बात करते हुए कहा कि खेती में मनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत जरूरी है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। इसलिए आज भारत में देसी और हाइब्रिड दोनों नस्लों पर ध्यान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत में करीब 48 साल बाद इस समिति का आयोजन किया जा रहा है। इस चार दिवसीय कार्यक्रम में दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। जहां देश और विदेश से 156 विशेषज्ञ इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।