ग्रेटर नोएडा

World dairy summit 2022: PM मोदी ने कहा- लंपी वायरस के खिलाफ देसी टीका तैयार, 2025 तक रखा ये लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में लंपी नाम की बीमारी ने पशुओं को बहुत हानि पहुंचाई है। भारत के अनेक राज्यों में लंपी वायरस से पशुधन की क्षति हुई है। इससे बचाव के लिए वैज्ञानिकों ने लंपी स्किन डिजीज से लड़ने के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है।

ग्रेटर नोएडाSep 12, 2022 / 01:43 pm

Jyoti Singh

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिति-2022 का उद्घाटन किया। इस समारोह के मौके पर उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से भारत में लंपी नाम की बीमारी ने पशुओं को बहुत हानि पहुंचाई है। भारत के अनेक राज्यों में लंपी वायरस से पशुधन की क्षति हुई है। ये एक संक्रामक बीमारी है, जो मवेशियों को प्रभावित करती है और उनकी स्किन पर गाठ, बुखार का कारण बनती है। इससे पशुओं की मौत भी हो सकती है। इसलिए लंपी वायरस पर कंट्रोल करने विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी स्किन डिजीज से लड़ने के लिए स्वदेशी वैक्सीन तैयार कर ली है।
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2025 तक के लिए रखा ये लक्ष्य

पीएम ने आगे कहा कि जब पशु बीमार होता है तो वह किसान के परिवार को, उसकी आय को प्रभावित करता है। पीएम ने कहा कि भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि आने वाले साल 2025 तक हम भारत में शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिसकी वैक्सीन लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति पाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हम पशुओं की पहचान कर रहे हैं। जिसे हमने ‘पशु आधार’ नाम दिया है।
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खेती में मनोकल्चर ही समाधान नहीं

पीएम ने मनेाकल्चर पर बात करते हुए कहा कि खेती में मनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत जरूरी है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। इसलिए आज भारत में देसी और हाइब्रिड दोनों नस्लों पर ध्यान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि भारत में करीब 48 साल बाद इस समिति का आयोजन किया जा रहा है। इस चार दिवसीय कार्यक्रम में दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। जहां देश और विदेश से 156 विशेषज्ञ इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

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