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इस दौरान पुलिस ने उन्हें जेल भेजने की धमकी दी, लेकिन छात्र अपनी बात पर अड़े हुए हैं। कई छात्रों ने तो सुसाइड नोट लिख रखा है। उनका कहना है कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे बिल्डिंग से कूदकर सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे। दरअसल, एआईएचएम कालेज में अलग-अलग कोर्सेस में एडमिशन लेने वाले छात्रों का गुस्सा अब कालेज प्रबंधन के खिलाफ चरम पर है। शनिवार को छात्रों ने दो प्रबंधकों प्रखर और अंकित को बाथरूम में बंद कर बंधक बना लिया। उनका मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में कर लिया। छात्रों का कहना है कि वे कालेज के मुख्य प्रबंधक विनीत से मिलना चाहते हैं। लेकिन, विनीत उनसे नहीं मिलना चाहते हैं। गुस्साए छात्रों का कहना है कि उन्होंने रेगुलर कोर्सेस में दाखिला लिया था। उसके लिए उन्होंने लाखों रुपये बतौर फीस जमा की है। अब उन्हें डिस्टेंस की डिग्री दी जा रही है।
यह भी पढ़ें : 35 वर्षीय महिला ने IIT जोधपुर के प्रोफेसर पर लगाया रेप का आरोप, मुकदमा दर्ज छात्रों का आरोप है कि कालेज ने विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री दे दी। कालेज के एक छात्र ने जिलाधिकारी बीएन सिंह को दिए पत्र में कहा है कि उसने एआईएमएच कालेज में वर्ष-2015 में एडमिशन लिया था। वर्ष-2018 में उनका कोर्स खत्म हो गया। लेकिन, डिग्री अब तक नहीं मिली।
विपुल शर्मा नाम के छात्र ने बताया कि कुछ समय पहले वह पंजाब स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए गया था। वहां उसके मार्कशीट का फर्जी बताया गया। यह भी बताया गया कि कालेज का यूजीसी में रजिस्ट्रेशन न होने के कारण उसे एडमिशन नहीं मिल सकता। वहां से लौटने के बाद जब एआईएचएम कालेज के मैनेजमेंट से संपर्क किया तो बताया गया कि आपको जो कार्रवाई करनी है, कर लो। कालेज के डायरेक्टर विनीत से भी मिलने की कोशिश की, लेकिन संभव नहीं हो सका।
पुलिस बंधक बनाए प्रबन्धकों को जब छुड़ाने पहुंची तो छात्रों ने कहा कि उन्होंने अपने सुसाइड नोट लिख रखे हैं। यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सामूहिक रूप से कालेज की बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर लेंगे। छात्रों का आरोप है कि पुलिस प्रबंधकों का ही पक्ष ले रही है और उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। आरोप है कि प्रबंधकों को बंधक बनाने के बाद आई पुलिस ने छात्रों को ही जेल भेजने की धमकी दी। लेकिन, छात्रों ने भी दो टूक कह दिया, कुछ भी हो, न्याय के बिना कोई समझौता नहीं होगा।