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यह कहना गलत नहीं होगा कि सीमा परिहार भी फूलन देवी की राह पर चल निकली है। फूलन देवी ने 1996 में हुए लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी से मिर्जापुर-भदौही सीट से लड़ा था। फूलन देवी भारी मतों से जीतकर लोकसभा पहुंची। वहीं ग्रेटर नोएडा एक निजी कार्यक्रम मेंं हिस्सा लेनी आई सीमा परिहार ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। सीमा परिहार चंबल के खूंखार डकैत निर्भय गुर्जर की पत्नी रही है। सीमा परिहार ने कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी है। दलित वोट बैंक पर सीमा परिहार की नजर है। उन्होेंने बताया कि समाज सेवा के लिए राजनीति जरुरी है। सीमा परिहार ने कहा कि औरेया व इटावा से चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। उन्होंने चुनाव के लिए वेस्ट यूपी को चुना है। इससे पहले सीमा परिहार 2007 में मिर्जापुर की भदोही सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था। चर्चा है कि ये लोकसभा 2019 का चुनाव समाजवादी पार्टी से लड सकती है। दलित वोट बैंक पर नजर ठाकुर जाति से संबंध रखने वाली सीमा परिहार ने विकास और दबे कुचलों को उभारने का खुद का चुनावी एजेंड़ा बनाया है। गौतम बुद्ध नगर में ठाकुर निर्णायक भूमिका में है। वहीं निर्भय गुर्जर की पत्नी की वजह से गुर्जर वोट मिलने की भी उन्हें उम्मीद है। उन्होंने बताया कि दबे कुचलों के अलावा दलितों के मुद्दों को उठाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कई साल से अंबेडकर की प्रतिमा दनकौर कोतवाली में रखी हुई है। उस प्रतिमा को लगवाने के लिए जल्द ही डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रतिमा को नहीं लगाई जाती है तो आंदोलन भी किया जाएगा। एक तरफ जहां सीमा परिहार की दलित बोट बैंक पर नजर है।
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