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सावन माह हिंदू धर्म के लोगों के लिए खास होता है। मान्यता के अनुसर इस माह में निष्ठा के साथ में शिव और देवी पार्वती की पूजा अराधना भक्त करते है तो उन्हें शुभ फल मिलता है। शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त पूरी श्रद्धा के साथ में गौमुख और हरिद्धार से पैदल कांवड़ भी लाते है। कांवड के दौरान शिवभक्तों के लिए जगह-जगह भड़ारे और उनके आराम के लिए शिविर भी लगाए जाते है। पूरे महीना मंदिरों में शिव की जय जयकार होती है। जानकारों की माने तो सवान के महीने के दौरान बहुत सारी चीजें वर्जित होती है, इन्हें बिल्कुल भी नहीं कराना चाहिए। इन्हें करने से पाप के भागीदार बन सकते है।हल्दी से न करें पूजा पूरे माह होने वाली पूजा के दौरान भक्तों को शिवलिंग पर हल्दी चढ़ाने से बचना चाहिए। माना जाता है कि हल्दी स्त्री से संबंध रखती है, जिसकी वजह से जलाधारी पर हल्दी चढ़ानी चाहिए। यह माता पार्वती का प्रतीक मानी जाती है।
दूध का न करें सेवन सावन माह में दूध से शिव का अभिषेक किया जाता है। माना गया है कि सावन माह में दूध के सेवन से बचना चाहिए। वैज्ञानिक मत की माने तो इनदिनों दूध पीने से वात बढ़ जाता है। अगर दूध पीना है तो उसे उबालना चाहिए। साथ ही दही का सेवन करना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
हरी पत्तेदार सब्जी का भी न करें यूज हरा साग सेहत के लिए गुणकारी माना जाता है। लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से साग खाना सावन माह में वर्जित माना गया है। साग समेत अन्य पत्तेदार सब्जी खाने लोगों को परहेज करना चाहिए। मत यह भी है कि इनदिनों में कीट पतंग बढ़ जाते है। ये सेहत के लिए काफी हानिकारक होते हैं। इसके अलावा बैंगन का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
किसी का न करें अपमान कभी भी किसी का अपमान जानकार नहीं करना चाहिए। सावन माह में इसका खास ध्यान रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति, भाई-बहन, जीवन साथी, माता-पिता, साधु-संत, बुजुर्ग समेत किसी भी प्राणी को दुख नहीं पहुंचाना चाहिए। साथ ही बूरे विचारों से बचना चाहिए। इस माह में स्त्रिीयों के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए।
मांसाहारी व शराब से रहे दूर प्राचीन ग्रंथों में सावन के माह को पवित्र माना गया है। सावन माह में मदिरा व मांस से दूर रहना चाहिए। सावन का महीना प्रेम और प्रजनन का होता है। इस मौसम में पशु, पक्षियों के गर्भाधान की संभावना अधिक होती है। जिसक वजह से पाप माना गया है। वैज्ञानिक महत्व यह भी माना गया है कि बरसात का मौसम होने की वजह से वातावरण में काफी कीड़े-मकोड़े सक्रिय हो जाते हैं। ये पशुओं के शरीर भी होते है। इनसे बीमारी होने का खतरा रहता है। शराब पीने से इस माह में शरीर का तापमान बढ़ जाता है। तापमान बढ़ने की वजह से बुखार, हार्ट और लीवर समेत अन्य बीमारी होने की संभावना बढ जाती हैै।