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4 साल पहले की है घटना अल्फा-2 सेक्टर के रहने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रमोहन शर्मा मूलरुप से गुडगांव का रहने वाला है। यह ग्रेटर नोेएडा में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब किया करता था। ग्रेटर नोएडा के कासना गांव की सविता शर्मा से उसकी शादी हुई थी। इनके दो बच्चे है। 2 मई 2014 को चंद्रमोहन ने खुद की मौत का ड्रामा रचा था। एक मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यक्ति को कार में बैठा कर आग लगा दी थी। घटना के बाद में चंद्रमोहन की पत्नी ने उसकी हत्या का आरोप लगाया था। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी किया था। प्रेमिका की गुमशुदगी के बाद पुलिस की बदल गई थी थ्योरी घटना के बाद में कासना कोतवाली में अल्फा-2 के ही एक परिवार ने अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच की तो वह उसकी प्रेमिका निकली। दरअसल में दोनों के बीच में प्रेस प्रसंग के चलते चंद्रमोहन और उनकी पत्नी सविता शर्मा के बीच में झगड़ा हुआ था। यह मामला काफी चर्चा का विषय रहा था। पुलिस ने प्रेेमिका के गायब होने के एंगल पर खोजबीन करनी शुरू कर दी। चंद्रमोहन को खोज रही पुलिस को अगस्त 2014 में कामयाबी मिल गई। पुलिस ने उसे बेंगलुरु से धर—दबोचा। वह चंद्रमोहन ने अपना नाम भी बदल लिया और एक कंपनी में नौकरी करने लगा था। पुलिस ने बेंगलुरु से ही उसकी प्रेमिका को भी बरामद किया था।
इस मामले में एक आरोपी को पहले ही जमानत मिल चुकी है। जबकि चंद्रमोहन 4 साल से जेल में था। हाईकोर्ट ने चंद्रमोहन को जमानत दे दी है। हालांकि मंगलवार को परवाना किसी वह से नहीं पहुंच पाने से चंद्रमोहन की रिहाई नहीं हुई थी। बुधवार को उसकी रिहाई की उम्मीद है।