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डाकघरों में तैनात डाकिये अब रोगियों के बलगम का सैंपल इक्टठा कर उन्हें सीबीनेट सेंटर लेकर जाएंगे। उसके बाद पीड़ित को 24 से 28 घंटे में सैंपल की रिपोर्ट दे दी जाएगी। फायदा यह होगा कि रोगी को उपचार मिलने में देरी नहीं होगी। लखनऊ, आगरा, बदायूं व चंदौली में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर रोगियों के सैंपल कलेक्ट करने का कार्य चल रहा था। बता दें कि टीबी की बीमारी की पहचान के लिए बलगम की जांच की जाती है। इसकी जांच के लिए यूपी में 141 सीबीनेट (कार्टिज बेस्ड न्यूक्लिक एसिड टेस्ट) सेंटर हैं। छोटे—छोटे जिलों में एक एक-एक सेंटर हैं। सीबीनेट सेंटर तक सैंपल पहुंचाना बड़ी चुनौती है। जिसे ध्यान में रखते हुए शासन ने 15 जुलाई से लखनऊ समेत यूपी के चार जिलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर रोगियों के सैंपल कलेक्ट करने की योजना शुरू की थी। गौतमबुद्ध नगर में भी अब डाकिये सेंटरों से सैंपलों की जांच के लिए सीबीनेट सेंटर तक जाएंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. शिरीष जैन ने बताया कि डाकियो बलगम के सैंपल लेकर सीबीनेट सेंटर जाएंगे। ऐसा होने से रोगियों को समय रहते उपचार मिल जाएगा।