जहां एक तरफ यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं पुलिस प्रशासन किसानों के आंदोलन के आगे बना मूकदर्शक बना नजर आ रहा है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है कि आंदोलन के चलते कोई भी हाईवे जाम नहीं होना चाहिए, ताकि लोगों को दिक्कत ना हो। बावजूद इसके किसान अपनी मांगों को लेकर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर बैठे हुए हैं। जिसके चलते शनिवार देर रात से ही वाहनों की ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर लंबी कतारें लग गई हैं।
फर्रुखाबाद से आ रहे लोगों का कहना है कि ना तो उनके पास खाने-पीने की कोई सामग्री है और ना ही ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर कोई ऐसी व्यवस्था है कि जहां उनके बच्चे और महिलाएं शौच के लिए जा सके। जिसके चलते ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर इस समय यह जाम समस्या का अंबार लेकर आया है।
यात्रियों का कहना है कि अगर किसी को आंदोलन करना भी है तो वह हाईवे ना रोके, ताकि हाइवे से गुजरने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। लेकिन उसके बावजूद भी प्रशासन और पुलिस प्रशासन कस इस ओर ध्यान नहीं है। जिसके चलते देर रात से ही यात्री एक्सप्रेस पेपर भूखे मरने के लिए मजबूर हैं।