वहीं, गुरुवार शाम को निठारी हत्याकांड पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के फैसले का समीझा करेगी। अगर जरूरत पड़ी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।”
सुरेंद्र कोली को मिली थी फांसी की सजा
दरअसल सोमवार को हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को 2005- 06 के निठारी मामले में बरी कर दिया। हालांकि, इस खौफनाक निठारी केस में पुलिस की कई लापरवाहियां भी सामने आईं थीं। इसकी वजह से कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी हुई थी। दो कांस्टेबल को बर्खास्त भी किया गया था। बाद में ये केस सीबीआई के पास गया और CBI ने 16 मामले दर्ज किए थे। इनमें से सुरेंद्र कोली को 14 मामलों में फांसी की सजा मिली। मनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 मामले दर्ज हुए थे जिनमें से 3 में उसे फांसी की सजा दी गई थी।
निठारी कांड में छोटे बच्चों को निशाना बनाकर किए गए खौफनाक अपराध की यादें ताजा कर दीं, जो दिल्ली के पास नोएडा के एक बंगले के पीछे कंकाल के अवशेष मिलने से सामने आया था। पीड़ितों के परिवारों ने अन्याय का दावा किया था।