सीएम याेगी का इस्तीफा मांगने वाले पूर्व नौकरशाहों पर भड़के भाजपा विधायक, बोले- आपको 21 गायों की मौत नहीं दिखी बता दें कि परिवार के साथ न्याय की गुहार लेकर सूरजपुर हैडक्वार्टर पुलिस के मुखिया से मिलने पहुंचे विजेन्द्र सिंह असम राइफल में वारंट ऑफिसर के पद पर नागालैंड के दिमापुर में तैनात हैं। मैंने करीब 10 साल पहले बदलपुर में अपना घर बनाया था, लेकिन पड़ौस में रहने वाले कुछ लोग मुझे यहां रहने नहीं दे रहे हैं। जब उसने घर का रास्ता बनाया तो उसे भी बनने नहीं दिया। मैं छुट्टी पर अपने घर आया था। घर में मेरे साथ मेरी बेटियां थीं। उनका कहना है कि हाल ही में मेरे घर पर कुछ दबंग लोगों ने हमला बोल दिया था। इसी दौरान आरोपियों ने मेरे ऊपर पत्थरों से हमला करते हुए घर के शीशे तोड़ दिए। मैं जैसे-तैसे जान बचाकर वहां से निकला और डायल 100 पर कॉल किया। इसके बाद डायल 100 वाले मुझे ही उठाकर बादलपुर थाने ले गए। इस दौरान थाने में रामचंद्र सिंह दरोगा ने मुझे काफी प्रताड़ित किया। इतना ही नहीं 2 दिन तक लॉकअप में ही रखा। दूसरे दिन मुझसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए और कहा कि हमने मकान इन्हीं लोगों को बेच दिया है। तुझे 2 लाख दिए थे, जबकि मुझे कोई पैसा नहीं मिला था। इस पर मैंने उनसे कहा कि मैं अपना मकान नहीं बेचना चाहता हूं, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। इसके बाद मैं सूरजपुर शिकायत लेकर पहुंचा हूं।
फराह फैज का बड़ा खुलासा, कहा- दारुल उलूम के लिए मुस्लिम महिलाएं सिर्फ एटीएम की तरह बच्चे पैदा करने की मशीन, देखें वीडियो- इस मामले में एसपी ग्रेटर नोएडा का कहना है की थाना बादलपुर क्षेत्र में रहने वाले विजेंद्र का उनके पड़ोसी के साथ नाली को लेकर विवाद हुआ है। उन्होंने पुलिस पर भी एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। फिलहाल उनकी शिकायत की जांच सीओ -3 ग्रेटर नोएडा को सौंपी गई है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।