यह भी पढ़ें- वाराणसी-मिर्जापुर बॉर्डर पर तीन शव मिलने से सनसनी, शरीर पर जख्मों के निशान से हत्या की आशंका एडीसीपी विशाल पांडे ने बताया कि यह गैंग पिछले काफी दिनों से मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम दे रहा था और अब तक लुटेरों ने 100 से ज्यादा मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी थी, लेकिन बदमाश पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते थे। यह गैंग दिल्ली-एनसीआर में मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम दे रहा था। इनके खिलाफ दिल्ली, नोएडा व बुलंदशहर के विभिन्न थानों में लूट और चोरी के मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि वह मोबाइल लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए चोरी की बाइक का इस्तेमाल करते थे। जब उन्हें लगता था कि वह पकड़े जा सकते हैं और बाइक की पहचान हो गई है तो वह दूसरी बाइक चोरी कर लेते थे। पुलिस ने जिस बाइक पर इन्हें पकड़ा है, वह भी चोरी की है। यह बदमाश लूटे गए मोबाइल किसी भी मेले में जाकर लोगों को मजबूरी बताते हुए बेच देते थे। इस तरह लुटेरे महंगे मोबाइल को सस्ते दामों में बेच देते थे। इससे उनके बारे में जानकारी जुटाना मुश्किल होता था।
पुलिस ने बताया कि दनकौर का रहने वाला सोनू उर्फ विशाल गिरोह का सरगना है। सोनू अपने गांव के रहने वाले विवेक और बुलंदशहर के रहने वाले संजीव के साथ मिलकर मोबाइल लूट और बाइक चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। सोनू पूर्व में भी दनकौर कोतवाली से लूट और चोरी के मुकदमे में जेल जा चुका है। ये लुटेरे पिछले दो साल से अलग-अलग जगह लूट और चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे थे।