माना जा रहा है कि बसपा की तरफ से कद्दावर नेता को उनके सामने नहीं उतारा। जिसकी वजह से बसपा यह सीट हार गई। इसके अलावा बार—बार प्रत्याशी बदला भी बसपा को रास नहीं आया। मायावती गौतमबुद्ध नगर की रहने वाली है। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा मायावती की गृहजनपद की सीट है। मायावती अपने ही घर की सीट हार गई।
यह भी है बड़ी वजह बसपा की तरफ से सबसे पहले लोकसभा चुनाव से पहले वीरेंद्र डाढा को लोकसभा प्रभारी बनाया गया था। ये कांग्रेस को छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया। जबकि इन्होंने करीब एक साल से ज्यादा पार्टी के लिए जिले में काम किया और लोगों के बीच पहुंचे। चुनाव से ऐन वक्त पहले ही उन्हें मायावती ने हटा दिया। उनकी जगह बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी को गौतमबुद्ध नगर लोकसभा प्रभारी बना दिया गया। उसी दौरान संजय भाटी पर कर्मचारियों और बाइक बोट में पैसे लगाने वालों ने फ्रांड के आरोप लगाए तो उन्हें भी मायावती ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। उसके बाद सतवीर नागर को प्रत्याशी बनाया गया।
माना जा रहा है कि बार—बार प्रत्याशी बदलने की वजह से बसपा प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा है। इसके अलावा गठबंधन भी एक वजह है। चुनाव से पहले सपा व बसपा के कई दिग्गज नेता भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अनदेखी का आरोप लगाया था। बसपा प्रत्याशी सतवीर नागर के साथ चुनाव के दौरान कोई बड़ा चेहरा भी नहीं दिखाई दिया। हालांकि मायावती ने उनके पक्ष में जनसभा जरुरी की थी। वहीं, भाजपा की जीत में शहरी वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण वोटों का ध्रुवीकरण भी है।
गठबंधन को हुआ नुकसान गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से 2014 में मोदी लहर में डॉ. महेश शर्मा चुनाव जीते थे। इन्होंने समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को हराया था। महेश शर्मा को पिछली बार 599702 मत मिले थे, जबकि नरेंद्र भाटी 319490 वोट मिले थे। वहीं, बसपा के
सतीश कुमार को 198,237 वोट मिले थे। इस बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर गठबंधन की तरफ से सतवीर नागर को प्रत्याशी बनाया गया। यानी सपा व बसपा ने यह सीट मिलकर लड़ी। लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन प्रत्याशी सतवीर नागर को 493890 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के डॉ. महेश शर्मा को 830812 वोट मिले हैं। रिकॉर्ड मत हासिल कर महेश शर्मा ने सतवीर नागर को 336922 वोटों से हरा दिया। 2014 की बात करें तो सपा व बसपा को गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 517727 वोट मिले थे, जबकि इस बार गठबंधन को महज 493890 वोट मिले है। इस बार गठबंधन को 2014 के मुकाबले 23837 मतों का नुकसान हुआ है। वहीं, डॉ महेश शर्मा को इस बार 830812 मत मिले है, जबकि 2014 लोकसभा चुनाव में 599702।