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दरअसल, ग्रेटर नोएडा के आईटीबीपी के रेफरल अस्पताल में इटली के सहयोग से 48 घंटे में स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट को स्विच ऑन कर चालू करते हुए इटली के भारत में राजदूत विन्सेन्ज़ो डी लुका ने कहा कि इस कहा कि संयंत्र स्थायी रूप से इस अस्पताल में स्थापित हुआ है। यह दोनों देशों के बीच मित्रता और एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत में कुछ इतालवी पर्यटकों (लगभग 17) का इलाज आईटीबीपी के मेडिकल सेटअप द्वारा किया गया था। यह उनको हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा कि वे भारत के साथ यह दोस्ती और एकजुटता जारी रहेगी। आईटीबीपी एडीजी मनोज सिंह रावत ने कहा कि कोरोना काल में इस अस्पताल ने सेवारत, सेवानिवृत्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और उनके परिवारों के इलाज़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां पर इटली के सहयोग से ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया गया है। प्राकृतिक ऑक्सीजन से ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति करने में सक्षम इस संयंत्र से एक समय में 100 मरीजों को हाई स्पीड ऑक्सीजन मुहैया करवाई जा सकती है। यह संयंत्र सिर्फ 48 घंटे में स्थापित कर दिया गया है। इस संयंत्र की स्थापना से काफी फायदा मिलेगा।
यह भी पढ़ें: खुली हवा में टहलने से नहीं होगा कोरोना, बंद कमरे में रहते हुए भी फैल सकता है वायरस रेफरल अस्पताल के आईजी मेडिकल डीसी डिमरी ने कहा कि इस प्लांट की स्थापना से अस्पताल की मैन्युअल ऑक्सीजन पर से निर्भरता न्यूनतम हो जाएगी। मरीजों को सीधे उनके बेड पर आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध हो सकेगा। इस मौके पर अस्पताल, इतालवी दूतावास और संबंधित कंपनी के अधिकारी मौजूद थे।