इस घटना की जांच और आरोपियों को पकड़ने के लिए चार टीम का गठन किया गया था। पुलिस केस को सॉल्व करने में लगी हुई थी। पुलिस की जांच के दौरान मृतक की शिनाख्त अमित कुमार सिंह के रूप में हुई थी। 9 अक्टूबर को मृतक की पत्नी ने अपनी रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी।
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुई पहचान
इस घटना के खुलासे के लिए गठित 4 टीमों ने लगभग 200 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला था। जिसमें दो गाड़ियां वैगनआर व क्रेटा पर टेम्परेरी नंबर पाया गया। दोनों गाड़ियों से दो लोग उतरते हुए दिखे थे। सीसीटीवी फुटेज व फोटो के आधार पर दोनों संदिग्धों की पहचान मृतक के साथ कंपनी में काम करने वाले सचिन तंवर उर्फ संदीप और रमेश उर्फ रामा के रूप में हुई थी। पुलिस की आगे की जांच में इनके दो अन्य साथी हिमांशु और ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ बैलू का नाम भी सामने आया था। पुलिस ने हिमांशु, ओमप्रकाश उर्फ शिवम उर्फ बैलू और सचिन तंवर उर्फ संदीप को हत्या में इस्तेमाल हथियार, 20 हजार रुपए और घटना में इस्तेमाल वैगनार कार और क्रेटा के साथ गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस ने क्या कहा ?
पुलिस ने पूरी घटना का खुलासा करते हुए बताया है कि पकड़े गए तीनों आरोपी अपने चौथे साथी रमेश उर्फ रामा और मृतक अमित कुमार के साथ काम करते थे। ये सब मिलकर कमीशन का लालच देकर फर्जी ग्राहक बनाकर उनके आधार कार्ड में फर्जीवाड़ा करते थे और फर्जी पे-स्लिप के जरिए बैंक में खाता खुलवाते थे। उसके बाद बैंक से फर्जी लोन स्वीकृत करा लेते थे और लोन पास होने पर उसका कमीशन आपस में बांट लेते थे। लेकिन, मृतक अमित कुमार द्वारा कई लोन के मामलों में इनका हिस्सा नहीं दिया गया था। जिसकी वजह से इन चारों ने अमित को मारने का प्लान बनाया था। यह भी पढ़ें