अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय हस्तशिल्प पूरे विश्व में अपनी कलात्मक उत्कृष्टता, नए प्रयोगों और सृजनात्मकता के लिए प्रसिद्ध है। इसने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग जगह बना ली है। जितना हस्तशिल्प उद्योग बढ़ेगा, उतने ही अवसर हस्तशिल्पियों और कारीगरों को मिलेंगे। देश भी वर्तमान समय में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मौजूदा समय में उन्होंने सभी से लोकल के लिए वोकल होने की अपील की, जिससे हमारे लोकल उत्पाद भी ग्लोबल ब्रांड बन सकें। उन्होंने विश्वास जताया कि ऐसा होने पर हस्तशिल्प सेक्टर समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकेगा।
केंद्रीय टेक्सटाइल और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा कि कोविड महामारी के दौरान ईपीसीएच आईएचजीएफ दिल्ली मेले को वर्चुअल मोड पर लाया है। इसमें बड़ी संख्या में निर्यातक भारतीय हस्तशिल्प और बेहतरीन कारीगरी का प्रदर्शन करने वाले हैं। टेक्सटाइल मंत्रालय के सचिव रवि कपूर ने कहा कि कि कोविड महामारी में यह एक शानदार और अनोखा प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वर्चुअल मोड पर भी यह मेला सफलता के कीर्तिमान रचेगा।
ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के. पासी ने कहा कि कोविड-19 संकट ने ईपीसीएच के सामने एक बड़ी चुनौती पेश की थी, उन्होंने कहा कि यह आयोजन कहीं ज्यादा बड़ा है और इसमें प्रदर्शित किए जाने वाले उत्पादों की रेंज बहुत बड़ी है, जिसमें घरेलू, लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल उत्पाद शामिल हैं। आईएचजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण के अध्यक्ष नीरज खन्ना ने कहा कि दुनिया लॉकडाउन की स्थिति में है, लेकिन द शो मस्ट गो ऑन की भावना से प्रेरित ईपीसीएच ने इस वर्चुअल मेले को आपके सामने रखा है। उन्होंने इसे ही अब न्यू नॉर्मल बताया और कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह हम सभी के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा।
ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने कहा कि हर आपदा अपने साथ एक अवसर लेकर आती है और इस महामारी ने हमें अपने सदस्य निर्यातकों को वैकल्पिक मार्केटिंग प्लेटफार्म देने का अवसर प्रदान किया है। इस वर्चुअल मेले का उद्घाटन हुआ है, जो घरेलू जरूरतों जैसे लाइफस्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल उत्पादों आदि के व्यापार के लिए एक वैकल्पिक माध्यम साबित होगा। उन्होंने कहा कि मेले में देश के कोने कोने से 1500 से ज्यादा निर्यातक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत के हस्तशिल्प को प्रदर्शित करने के लिए विशेष डिस्प्ले भी आयोजित किए गए हैं। इन सबके साथ कई वेबिनार,पैनल डिस्कशन, मास्टर क्लास, क्राफ्ट डेमॉंस्ट्रेशन, फैशन शो आदि भी आयोजित किए जाएंगे। राकेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 25,027.08 करोड़ रुपये का हस्तशिल्प निर्यात किया गया था।