ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के जन स्वास्थ्य विभाग प्रभारी डीजीएम सलिल यादव का कहना है कि प्राधिकरण क्षेत्र में पहले से ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 लागू किया जा चुका है। इस नियम के तहत बल्क में वेस्ट जेनरेट करने वालों को कूड़े का निस्तारण स्वयं ही करना पड़ता है। इसके बाद 10 फीसदी तक शेष वेस्ट अथॉरिटी की टीम उठाती है। इसके लिए भी निर्धारित शुल्क लिया जाता है। इसके लिए प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार बल्क वेस्ट जेनरेट करने वाले परिसरों का निरीक्षण करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करती है।
यह भी पढ़ें – तेज हवा के साथ हुई झमाझम बारिश से 70 हजार घरों की बत्ती गुल, अंधेरे में डूबा शहर औचक निरीक्षण में मिली अव्यवस्था उन्होंने बताया कि इसी शुक्रवार को अथॉरिटी के जन स्वास्थ्य विभाग के सहायक प्रबंधक उमेश चंद्रा के नेतृत्व में सेनेटरी इंस्पेक्टर संजीव बिधूड़ी, मुदित त्यागी, भरत भूषण और सुपरवाइजर इंदर ने नॉलेज पार्क पंच स्थित डीपीएस स्कूल का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान टीम ने मौके पर कूड़े के निस्तारण का उचित प्रबंध नहीं पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की।
यह भी पढ़ें – यूपी में मदरसों में फंडिंग से लेकर पाठ्यक्रम तक की होगी जांच, नई नियमावली हो रही तैयार कूड़े को एकत्र कर जलाया जा रहा था टीम ने पाया कि स्कूल में कूड़े का कोई प्रबंधन नहीं था। इसके साथ ही कूड़े को एकत्रित कर जलाए जाने का मामला भी सामने आया। जिसके बाद अब प्राधिकरण ने डीपीएस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही चेतावनी दी है कि अगर फिर गलती दोहराई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।