एल्विश के साथ जेल में बंद हैं दो खूंखार कैदी, जान को है खतरा
पिछले रविवार को एल्विश को लुक्सर जेल के क्वारंटाइन सेल में बंद किया गया था, जहां वे माफियाओं के साथ रहे थे। लुक्सर जेल के अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में उनके साथ दो माफिया भी बंद हैं, जिनमें से एक अनिल भाटी और दूसरा मनोज आसे है।
पिछले रविवार को एल्विश को लुक्सर जेल के क्वारंटाइन सेल में बंद किया गया था, जहां वे माफियाओं के साथ रहे थे। लुक्सर जेल के अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में उनके साथ दो माफिया भी बंद हैं, जिनमें से एक अनिल भाटी और दूसरा मनोज आसे है।
अनिल भाटी कुख्यात गैंगस्टर हैं, जो लुक्सर जेल में एक साल से जेल में हैं। वो गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर अपराधों में सजा काट रहा है। उसको सुन्दर भाटी गैंग का करीबी माना जाता है। दूसरा माफिया मनोज आसे भी लुक्सर जेल में बंद हैं, वह रंगदारी लूट और अन्य क्अपराध में शामिल है। वह गैंगस्टर ऐक्ट और अन्य धाराओं में 6 महीने से अधिक समय से जेल में बंद है।
वकीलों की हड़ताल के कारण नहीं हो पाई जमानत पर सुनवाई
एल्विश यादव की जमानत याचिका की सुनवाई के लिए मंगलवार को न्यायालय में पेशी होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल के कारण सुनवाई स्थगित हो गई।
जान का खतरा या गंभीर अपराध वाले को मिलती है हाई सिक्योरिटी सेल
लुक्सर जेल के अधीक्षक ने बताया कि हाई सिक्योरिटी सेल में कैदियों की संख्या निश्चित नहीं होती है, लेकिन यह विशेष बनाई गई सेल होती है, जहां अपराधियों को संभाला जाता है। एल्विश को हाई सिक्योरिटी सेल में तीन अन्य कैदियों के साथ रखा गया है। इससे पहले उन्हें क्वारंटाइन सेल में रखा गया था, जहां वे आम कैदियों के साथ रहे थे।
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एक बैरक में 20 से 50 होते हैं कैदी
जेल में आमतौर पर सभी साधारण कैदियों को बैरक में रखा जाता है। एक बैरक में 20 से 50 कैदी होते हैं, जबकि जिन कैदियों के जान को खतरा होता है उनको हाई सिक्योरिटी सेल या अण्डा सेल में रखा जाता है। इसके पीछे दो वजहें होती हैं, एक तो इस प्रकार के कैदियों का अपराध गंभीर होता है या इन्हें जेल में बंद अन्य कैदियों से सुरक्षा का खतरा रहता है। उनको हाई सिक्योरिटी सेल में रखा जाता है।