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यूपी में शस्त्र लाईसेंस से हटी रोक, ऐसे करें आवेदन, जमा करने होंगे ये कागजात
पिछले कुछ सालों में शस्त्र लाइसेंस बनाने पर रोक लगी हुई थी। योगी सरकार ने शस्त्र लाइसेंस से वर्षों बाद रोक हटा ली है। लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अधिकारियों की माने तो अपराध पीड़ित, विरासत, व्यापारी, उद्यमी, बैंक, संस्थागत, वितीय संस्थान, विभिन्न विभागों के ऐसे कर्मी, जो प्रवर्तन में कार्यरत हैं जैसे सैनिक/अर्धसैनिक/पुलिसबल के कर्मी, एमएलए, एमएलसी, एमपी, राज्य, राष्ट्रीय, अर्तराष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज आदि को लाइसेंस बनवाने में वरीयता दी जाएगी। जमा करने होंगे ये प्रमाण पत्र Revolver, Gun व अन्य लाइसेंस लेने के लिए पहचान पत्र, एड्रेस प्रुफ, 2 पासपोर्ट साइज फोटो, वोटर ID और उसके साथ-साथ पिछले 3 साल की इनकम टैक्स रिटर्न का की पूरी जानकारी देनी होती है। पढ़ाई के प्रमाण पत्र के अलावा जन्म प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी भी देेनी होगी। लेकिन लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों को इन सभी कागजात के साथ में हैसियत प्रमाण पत्र देना होगा। पैन कार्ड के साथ-साथ प्रारूप एस-3 पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया गया स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी देना जरुरी है। वहीं, व्यापारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की कॉपी आवेदन पत्र के साथ लगानी होगी। गौतम बुद्ध नगर के डीएम बीएन सिंह ने बताया कि आवेदकों को जरुरी सभी प्रमाण पत्र लगाने होंगे। उसके बाद भी शस्त्र लाइसेंसों के आवेदनों पर ही विचार किया जाएगा। हालाकि इससे पहले पुलिस और राजस्व विभाग द्वारा आवेदक के कागजात और अन्य जांच की जाती है। अगर लाइसेंस देना जरुरी लगेगा, उसके बाद भी प्रशासन लाइसेंस जारी करेगा।
ऐसे बनेगा हैसियत प्रमाण पत्र आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की तर्ज पर ही हैसियत प्रमाण पत्र बनेगा। हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जमीन के दस्तावेज, शपथ पत्र, खतौनी, पैन कार्ड, संपत्ति की फोटो, पैन कार्ड, आधार कार्ड, तहसील की रिपोर्ट, हाउस टैक्स, टैक्स का नोड्यूज लगाना पड़ता है। जिला कलेक्ट्रेट में सभी फॉर्म के साथ जमा करने होते है। उसके बाद में प्रशासन की तरफ से हैसियत प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। यूपी में आय, जाति, मूल निवास आदि की तरह ही हैसियत प्रमाण पत्र के लिए आॅनलाइन अप्लाई कर सकते है।
दोगुना हुआ रेट आवेदकों को शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन फॉर्म खरीदने के लिए जेब अधिक ढीली करनी होगी। इससे पहले आवेदन फॉर्म की फीस 200 रुपये थी, अब 500 रुपये कर दी गई है।
यहां भी उमड़ रही भीड़ गाजियाबाद में शस्त्र लाइसेंस बनवाने वालों की भीड़ कलेक्ट्रेट पहुंच रही है। शस्त्र विभाग के अधिकारियों की माने तो पिछले 11 दिनों के अंदर प्रशासन की ओर से 643 आवेदन फॉर्म बेच दिए गए हैं।