यह भी पढ़ें
इस जिले के अधिकारी नहीं रखते पीएम मोदी और सीएम योगी के आदेशों से इत्तेफाक सीएम योगी से वार्ता के बाद किसान सत्यपाल ने कहा कि जेवर में एयरपोर्ट बने या न बने, लेकिन किसान नियमानुसार 4 गुना मुआवजे से कम पर राजी नहीं हैं। किसानों से सीएम ने साफ कहा कि अगर जेवर के किसान इस एयरपोर्ट को खो देंगे तो हरियाणा के गुरुग्राम, हिसार और दूसरे क्षेत्रों के किसान जमीन देने को तैयार हैं। ऐसे में यह परियोजना दूसरे राज्यों में भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए विनाश उचित नहीं है। यह भी पढ़ें
योगी सरकार का दावा फेल, अब बच्चों को नहीं मिले किताब. ड्रेस और जूते किसानों का कहना है कि जेवर में बीते 3 साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है। इतना ही नहीं, बीती 18 मई को जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र में पड़ने वाले 16 गांवों को शहरी क्षेत्र में बदल दिया गया है, जबकि ये विशुद्ध रूप से देहात है। यहां कोई भी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, न कॉलेज है और न हॉस्पिटल। फिर ये शहरी क्षेत्र कैसे हो गया। यह भी पढ़ें
योगी की फोटो लगी टीशर्ट के साथ तिरंगे की बढ़ी इतनी डिमांड कि कांवड़ियों के लिए कम पड़ गया सामान किसानों ने आरोप लगाया की सिर्फ मुआवजा कम देने के लिए शासन और प्राधिकरण ने यह काम किया है। पंचायती राज व्यवस्था खत्म कर दी गई है। इससे प्रधान नहीं चुने जाते हैं। ये सब योजना के तहत किया गया है। किसान कृष्णपाल का कहना है की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गोलमोल जवाब दिया। उनके किसी बात से संतुष्टि नहीं मिली। देहात को शहरी क्षेत्र घोषित करने का नोटिफिकेशन जारी कर किसानों को मुसीबत में डालने का काम किया जा रहा है। यह भी पढ़ें
भगवा रंग में रंगी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा, ग्रामीणों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया आरोप गौरतलब है कि जेवर में jewar international airport के लिए अगले महीने से अधिग्रहण किया जाना है, जिसको लेकर किसान विरोध कर रहे हैं। वहीं गौतमबुद्ध नगर के तीनों ही प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्र के गांवों में पंचायती राज व्यवस्था खत्म कर दी गई है। नियमानुसार ग्रामीण क्षेत्र की जमीन के अधिकरण पर किसानों को सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा मिलने का प्रावधान है। जबकि शहरी क्षेत्र में यह सर 2 गुना है। इसी मसले को लेकर किसान गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करने पहुंचे थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया और बातचीत भी हुई। हालांकि यह मुलाकात बेनतीजा ही साबित हुई।