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जनकारी के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े सात बजे सीबीआई की छह सदस्यीय टीम सुनपुरा गांव पहुंची थी। टीम में एक महिला अधिकारी भी शामिल थी। सीबीआई गाजियाबाद इकाई में तैनात दरोगा सुनील दत्त को गिरफ्तार करने के लिए टीम ने उनके घर पहुंची थी। लेकिन दरोगा घर पर नहीं था। इस बीच सीबीआई की टीम का दरोगा के परिवार के साथ नोंक-झोंक हो गई। शोर सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हो गए और टीम को दौड़ा लिया। सीबीआई की टीम ने किसी तरह भाग कर जान बचाई। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। इस मामले में पीड़ित पक्ष से शिकायत प्राप्त करके आगे की कार्रवाई की जा रही है। यमुना अथॉरिटी के जमीन खरीद घोटाला के जांचकर्ताओं द्धारा आरोपितों को लाभ पहुंचाने के लिए भष्टाचार का खेल चल रहा था। इसकी जांच सीबीआई की टीम कर रही थी। सीबीआई ने जाल बिछाया तो पाँच लोग को जेल भेज दिया। इस मामले में यमुना अथॉरिटी के तत्कालीन तहसीलदार रणवीर सिंह, गाजियाबाद सीबीआई अकैडमी में तैनात सीबीआई के इंस्पेक्टर वी.एस. राठौर, सीबीआई के एसएआई सुनील दत्त व यूपी पुलिस के दो अफसर समेत पांच लोगों पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज़ किया था। इनमें से सुनपुरा गांव में सीबीआई गाजियाबाद इकाई में तैनात दरोगा सुनील दत्त की गिरफ्तारी के लिए उसके घर दबिश देने पहुंची थी। ईकोटेक 3 इंचार्ज अनिता चौहान ने बताया कि सीबीआई की टीम के कई लोगों को चोटें आई है। सीबीआई की तरफ से आरोपियों की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।