एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद में दिल्ली से रोजाना करीब 50 हजार वाहनों का दवाब कम हो जाएगा। अभी तक दिल्ली से होकर हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश से हिमाचल, पंजाब, उत्तराखंड समेत कई राज्य के वाहनों की आवाजाही रहती थी। जिसकी वजह से दिल्ली में ट्रैफिक का दवाब अधिक रहता था। दिल्ली से ट्रैफिक के दवाब और लोगों को शानदार सफर देने के लिए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है। ऐसे में अब दिल्ली में ट्रैफिक जाम से राहत मिलने की उम्मीद है।
एनसीआर से हरियाणा आने-जाने वालों को दिल्ली जाना पड़ता था। लेकिन अब इन्हें राहत मिली है। बगैर दिल्ली में प्रवेश किए ही फरीदाबाद, पलवल व अन्य जगह आ जा सकते है। हालाकि गौतमबुद्धनगर से हरियाणा के फरीदाबाद को जोड़ने के लिए काफी लंबे वक्त से कवायद की जा रही थी।
गति सीमा को देखते हुए ईस्टर्न पेरिफेरल पर ट्रैक्टर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई है। हालाकि एनएचएआई के अधिकारियों की माने तो मैनअुल में देश के किसी भी एक्सप्रेस-वे पर ट्रैक्टर ले जाने की अनुमति नहीं है।
देश के सभी एक्सप्रेस-वे पर अभी तक न्यूनतम गति सीमा 60 और अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे है। लेकिन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले हैवी वाहनों की गति सीमा 80 और कारों जैसे वाहनों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है। एनएचएआई के ईस्टर्न पेरिफेरल के परियोजना निदेशक किशोर कानियाल ने बताया कि फिलहाल ईस्टर्न पेरिफेरल पर बाइक चलने की परमिशन नहीं होगी। इसकी वजह से स्पीड है। उन्होंने बताया कि मीटिंग में बाइक के प्रस्ताव को रखा गया था, अभी सहमति नहीं बनी है। हालाकि अभी प्रस्ताव खारिज नहीं हुआ है। मंत्रालय की तरफ से निर्देश मिलने पर बाइक की आवाजाही भी शुरू कर दी जाएगी। हालाकि शुरूआत में यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी बाइक चलने की अनुमति नहीं थी, लेकिन बाइक सवार नहीं मानते थे। बाद में अनुमति दे दी गई और टोल भी तय कर दिया गया था।