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सीमा परिहार से पहले भी कई लेडी डान चुनावी मैदान में ताल ठोक चुकी है। चंबल घाटी की डकैत नीलम गुप्ता भी चुनाव लड़ चुकी है। नीलम पर कई संगीन मामले चले है। नीलम ने इटावा से निकाय चुनाव निर्देलीय लड़ा था। निर्भय गुर्जर की पत्नी नीलम गुप्ता ने कई साल जेल भी काटी है। शोषण का शिकार रही फुलन देवी भी मिर्जापुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीती थी। फुलन देवी के जीवन पर बैंडिट क्वीन फिल्म भी बन चुकी है। औरेया की रहने वाली रेणु यादव का 2003 में अपहरण कर लिया गया था। उनके अपहरण चंदन यादव गिरोह ने किया था। बाद में रेणु ने रामवीर गुर्जर को गोली मार दी और फरार हो गई थी। हत्या के बाद में जेल गई और बाहर आने पर चुनाव लडा था। ग्रेटर नोएडा के एक निजी प्रोग्राम में पहुंची सीमा परिहार ने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी है। उन्होंने बताया कि लोगोंं का विकास करना उनका अहम मुद्दा होगा। प्रोग्राम के दौरान सीमा परिहार ने बताया कि समाजसेवा करने के लिए राजनीति अहम रास्ता है। उन्होंने कहा कि औरेया व इटावा की राजनीति नहीं करना चाहती है। इसी वजह से वेस्ट यूपी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। सीमा पर 70 हत्या और 200 अपहरण के आरोप लगे थे, उन्होंने बताया कि केवल दो विचाराधीन हैं और बाकी में बरी हो चुकी हैं। इससे पहले 2007 में सीमा परिहार मिर्जापुर भदोही से लोकसभा चुनाव लड़ा था।
दलितों के मुद्दे को उठाएंगी सीमा परिहार सीमा परिहार की नजर दलित वोट बैंक पर भी है। सीमा परिहार ने बताया कि जिले के दलितों के मुद्दो को शासन और प्रशासन के आगे उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले कई साल से अंबेडकर की प्रतिमा दनकौर कोतवाली में रखी हुई है। अंबेडकर की प्रतिमा को लगवाने के लिए जल्द ही डीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। ताकि प्रतिमा जल्द से जल्द लगवाई जा सके। उन्होंने बताया कि अगर प्रतिमा को नहीं लगाई जाती है तो आंदोलन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों का विकास उनकी प्राथमिकता है। इसके अलावा वह दलितों के घर जाकर उन्हें भोज भी कराएंगी।
इन दिग्गजों से हो सकता है सामना बीएसपी की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी वीरेंद्र डाढा कर रहे है। उन्हें बसपा की तरफ से लोकसभा प्रत्याशी बनाया जा चुका है। वीरेंद्र डाढा ने बताया कि चुनाव की तैयारी की जा रही है। वहीं बीजेपी से गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉक्टर महेश शर्मा को 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सीमा परिहार भी गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से अपनी किस्मत अजमा रही है।
निर्देलीय भी चुनाव लड़ने की तैयारी
सीमा परिहार ने बताया कि कई राजनैतिक दल से लोकसभा टिकट के लिए बात चल रही है। उन्होंने बताया कि पार्टियों की तरफ से उन्हें टिकट मिलने का आश्वासन मिल चुका है। उन्होंने बताया कि अगर किसी पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिलता है तो निर्देलीय ही चुनाव लड़ा जाएगा।
सीमा परिहार ने बताया कि कई राजनैतिक दल से लोकसभा टिकट के लिए बात चल रही है। उन्होंने बताया कि पार्टियों की तरफ से उन्हें टिकट मिलने का आश्वासन मिल चुका है। उन्होंने बताया कि अगर किसी पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिलता है तो निर्देलीय ही चुनाव लड़ा जाएगा।
कुछ यूं रहा है सीमा का सफर ठाकुर जाति से ताल्लुक रखने वाली सीमा परिहार ने कहा कि जातिगत राजनीति से दूर रहना चाहती हूं। दरअसल में गौतमबुद्धनगर में ठाकुर निर्णायक भूमिका निभा सकते है। सीमा परिहार ने बताया कि पिता गांव में विवाह नहीं करना चाहते थे, इसी बात से नाराज डकैत लालाराम ने 1983 में 13 वर्ष की उम्र मेरा अपहरण कर लिया था। बीहड़ में रहने के बाद में हथियार उठाने को विवश होना पड़ा और लाला राम व निर्भय गुर्जर में गैंगवार हुई। उसके बाद मेंं निर्भय गुर्जर से शादी हुई थी। उन्होंने बताया कि 2000 में समर्पण करने के बाद 2004 में इंडियन जस्टिस पार्टी की सदस्यता ली।