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एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि 65 लाख लूट में शामिल 3 अन्य बदमाशों को चौना मोड़ के पास से गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए बदमाशों की पहचान छौलस निवासी कुलदीप, हापुड़ निवासी नरेश और महावली जेवर के विष्णु के रूप में हुई हैं। एसएसपी ने बताया कि विष्णु पारस कंपनी में काम करता था। यह कंपनी राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर की है। विष्णु ने 2 माह पहले ही कंपनी से नौकरी छोड़ी थी। बाद में उसे कंपनी की गाड़ी पर ड्राइवर रख लिया गया। विष्णु ने ही लूट की योजना तैयार कर कैश की जानकारी साथियों को दी थी। वह 2009 में कंपनी से जुड़ा था। यह भी पढ़ें
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एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि विष्णु ने अपने रिश्तेदार नरेश को लूट की योजना में शामिल किया। नरेश ने कुलदीप को शामिल किया। कुलदीप गैंगस्टर एक्ट में पहले निरूद्ध है। इन दोनों की पहचान इरफान और रईस से थी। रईस और इरफान को बुलंदशहर में 2001 में चावल व्यापारी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हो चुकी है। ये फरार चल रहे थे। साथ ही इन्हें केस की पैरवी के लिए रुपयों की आवश्यकता थी। इस वारदात में 10 बदमाश शामिल थे। घटनास्थल के आस-पास ये सभी 3 अलग-अलग कारों में मौजूद थे। इससे पहले पकड़े गए बदमाश शाहिद से 70 हजार बरामद हो चुके हैं। इन बदमाश समेत 6 को पुलिस जेल भेज चुकी है। अभी चार बदमाश फरार हैं। बता दें कि 27 मई को पारस कंपनी के कैशियर चंद्रपाल शर्मा से बदमाशों ने 65 लाख रुपये लूट लिए थे। ये कार में कैश लेकर गाजियाबाद स्थित बैंक में जमा करने के लिए जा रहे थे। एनटीपीसी रोड पर बदमाशों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर रोक लिया था। जब कैशियर ने उनसे आईकार्ड मांगा तो उनकी कनपटी पर पिस्टल तान दी। बाद में रुपये लूट ले गए। शोर मचाने पर आस-पास के लोगों ने एक बदमाश को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस तभी से अन्य बदमाशों को गिरफ्तार करने में लगी थी।