सीओ निशांक शर्मा ने बताया कि तीन जून को यमुना प्राधिकरण में हुए 126 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले के मामले में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी समेत 21 के खिलाफ मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस घोटाले में 8 अफसर और 6 कंपनियां समेत कुछ लोग के नाम सामने आए थे। मेरठ की एंटी करप्शन टीम ने सेक्टर-44 से गिरफ्तार कर रमेश बंसल को भ्रष्टचार निवारण कोर्ट में पेश किया। वहीं शुक्रवार को कासना कोतवाली पुलिस ने सत्येंद्र चौहान को भी गिरफ्तार किया है। सत्येंद्र चौहान गाजियाबाद के रहने वाले है।
आरोेप है कि दाता इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर रमेश बंसल व सत्येंद्र चौहान ने तत्कालीन सीईओ व पूर्व रिटायर्ड आईएएस पीसी गुप्ता के साथ मिल कर 126.42 करोड़ रुपए का घोटाला किया था। कासना थाने में आईपीसी की धारा-420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसकी तफतीश पुलिस कर रही। पुलिस के अनुसार तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता ने मातहत अफसरों, परिचितों,मित्रों और दलालों के साथ मिलकर 19 सेल कंपनी बनाई। इन कंपनियों के माध्यम से मथुरा जिले के 7 गांवों की 57.1549 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई।
इन कंपनियों के माध्यम से जमीन यमुना प्राधिकरण को खरीदवा दी गई। आरोप है कि उस जमीन की उपयोगिता प्राधिकरण के लिए नहीं थी, फिर भी उस समय प्राधिकरण के निर्धारित रेट से अधिक दर पर ये जमीन खरीदी गई। उसके एवज में 126.42 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। ग्रेटर नोएडा के सीओ फर्स्ट निशांक शर्मा ने बताया कि रमेश बंसल के बाद सत्येंद्र चौहान को भी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।