पकड़े गए आरोपी भी यही बताते थे कि मऊ का डॉक्टर उसे स्मैक देता है, इसी वजह से बच जाता था। अब तीन साल पहले दर्ज केस में वांछित कथित डॉक्टर को पुलिस ने हाबर्ट बंधे के पास से पकड़ लिया। पता चला कि वह सिक्टौर में किराएदार बनकर छिपा था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पिछले एक साल से धंधे से दूर है, क्योंकि अमरुतानी में स्मैक पर हुई पुलिस की कार्रवाई के बाद उसकी डिमांड नहीं के बराबर हो गई थी।
आरोपी जितेंद्र मऊ जिले के घोसी थाना क्षेत्र के मंझनपुर पिड़उ सिंहपुर गांव का निवासी है। पुलिस के मुताबिक, 2021 में दर्ज एनडीपीएस एक्ट में वह वांछित चल रहा था। दरअसल, स्मैक और गांजा का सबसे बड़ा केंद्र अमरुतानी ही है। वहीं से पूरे जिले में धंधा फैला था, इस पर एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने अभियान चलाया और खुद बाइक से रेकी करने के बाद कार्रवाई की थी। वहां पर पुलिस चौकी भी खोली गई और पंडिताईन, मंजू उसके बेटे सुधीर पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। इसका असर रहा कि सब जेल गए। सबकी संपत्ति को भी जब्त कर लिया गया। लेकिन पुलिस सप्लाई करने वाले तक नहीं पहुंच पा रही थी। अब पुलिस ने गोरखपुर व आसपास के जिलों में नशे के सामान की सप्लाई करने वाले को दबोच लिया और पूछताछ के आधार उसके साथियों की तलाश में जुटी है।
पुलिस की पूछताछ में यह भी पता चल गया है कि वह डॉक्टर नाम से कैसे मशहूर हो गया। पता चला है कि इंटर में फेल होने वह एक आयुर्वेद कॉलेज में चला गया और वहां से कुछ कोर्स किया। इसके बाद वह कंपाउंडर का काम करने लगा। लोग उसे डॉक्टर का नाम दे दिए। इसी के आड़ में वह नशे के सामान का सप्लायर बन गया।
SP सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया की गिरफ्तार जितेंद्र पिछले कई साल से गोरखपुर में स्मैक, गांजा की सप्लाई करता था। पिछले एक साल से अमरुतानी में कार्रवाई के बाद उसकी मांग कम हो गई और वह छिप गया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।