गोरखपुर

एक ही छत के नीचे देखनी हैं 40 से अधिक दुलर्भ तितलियां आइए गोरखपुर

यूपी का पहला इंडोर तितली पार्क तैयार, रंग-बिरंगी तितलियाँ पर्यटकों का मोहेंगी मन
एक हजार वर्ग मीटर में बने इस इंडोर पार्क में 40 से अधिक प्रजतियां देखने को मिलेंगी

गोरखपुरDec 10, 2020 / 01:36 pm

रफतउद्दीन फरीद

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में प्रदेश का पहला इंडोर बटर-फ्लाई पार्क-ब्रीडिंग सेंटर का बनकर तैयार हो गया है। गोरखपुर का यह प्राणि उद्यान न सिर्फ जंगली जानवरों, चिड़ियों की चहचहाहट से गुलजार होगा बल्कि रंग-बिरंगी तितलियां भी दर्शकों और पर्यटकों का मन मोहेंगी। एक हजार वर्गमीटर में फैले इस इंडोर बटरफ्लाई पार्क में दुर्लभ प्रजातियों की तितलियों का संरक्षण होगा और 40 से अधिक प्रजातियों की तितलियां यहां देखने को मिलेंगी। इन तितलियों की देखभाल के लिये बीट कीपर की जगह वैज्ञानिक की नियुक्ति की जाएगी। पार्क में तितलियों को नियंत्रित तापमान में रखा जा सकेगा और यहां उनकी ब्रीडिंग की व्यवस्था भी होगी। इसके लिए अलग से सेल बनाया गया है। पार्क और ब्रीडिंग सेंटर में रहने वाली तितलियों के पोषण का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए होस्ट प्लांट की व्यवस्था की गई है।


40 से अधिक प्रजातियां होंगी संरक्षित

तकरीबन एक हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने इस इंडोर बटरफ्लाई पार्क एंड ब्रीडिंग सेंटर में लाइन ब्लू, डिंगी स्विफ्ट, बलका पेरट, स्पॉटेड पैरट , प्लेन टाइगर, कॉमन कैस्टर, कॉमन ग्लास यलो, कॉमन जे, डेनेड एगफ्लाई, लैमन मिगरेंट, कुछ दुर्लभ प्रजातियां इंडियन रेड फ्लैश, बुश ब्राउन, क्रिमसन टिप, रेड आई, अफ्रीकन बाबुल ब्लू और कॉमन शॉट सिल्वर लाइन समेत 40 से ज्यादा तितलियों की प्रजातियां संरक्षित की जाएंगी।


सर्दियों में भी रहेंगी सक्रिय

इस पार्क में तितलियों के मुताबिक तापमान को हर मौसम में नियंत्रित रखा जाएगा। तापमान को नियंत्रित कर सर्दियों में भी तितलियों की सक्रियता बनाये रखने का का पूरा इंतजाम किया गया है। प्राणि उद्यान के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह की मानें तो तितलियों के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त रहता है।


नियुक्त किये जाएंगे तितली विशेषज्ञ वैज्ञानिक

केंद्रीय प्राणि उद्यान प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक यहां तितली विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की नियुक्ति की जाएगी। योगेश प्रताप सिंह के मुताबिक तितलियों का सम्पूर्ण जीवन चक्र अंडा, लार्वा (केटरपिलर), प्यूपा (क्रिस्लिस) और वयस्क के चक्र से गुजरता है। व्यस्क तितली सिर्फ 10 से 12 दिन जीवित रहती है। तितली 17 किमी प्रति घंटे की रफ्तार एवं 3000 फीट की ऊंचाई पर भी उड़ सकती हैं। इसलिए इनकी क्षमता को बनाये रखने के लिए विशेष ध्यान रखने की जरूरत है और यहां नियुक्त तितली विशेषज्ञ वैज्ञानिक इसे बखूबी अंजाम देंगे।


होस्ट प्लांट भी लगे

सामान्य रूप से यह माना जाता है कि फूल ही तितलियों का बसेरा होते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। तितलियों की विभिन्न प्रजातियों के अपने होस्ट प्लांट होते हैं। तितलियां उन्हीं पर अण्डे देती हैं। तितली पार्क में तितलियों की प्रजातियों के हिसाब से होस्ट प्लांट भी लगे हैं। मसलन करी पत्ता, नींबू, पाम, हरश्रृंगार, मालती, गेंदा, अमलताश, बेल, नीम, जामुन, लौकी, तोरी जैसे पौधे लगाए जाएंगे।


ब्रीडिंग सेंटर में जाने की इजाजत नहीं

ब्रीडिंग सेंटर में तितलियों के बिहैवियर का पूरा खयाल रखा जाएगा। इण्डोर प्लांट में तो पयर्टक जा सकेंगे, लेकिन ब्रीडिंग सेंटर में किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। पर्यावरण की शुद्धता के प्रति तितलियां काफी आग्रही होती हैं। इसलिए भी ब्रीडिंग सेंटर में लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।


पहला इंडोर तितली संरक्षण पार्क

डीएफओ अविनाश के मुताबिक अंधाधुंध कीटनाशकों के इस्तेमाल के चलते तितलियों की संख्या लगातार घट रही है। ऐसे में इन्हें विलुप्त होने से बचाने के लिये इनके संरक्षण की जरूरत है। तितलियों को संरक्षित करने के लिये ही इंडोर पार्क तैयार किया गया है, ताकि इन्हें संरक्षित किया जा सके। अभी तक तितलियों के जितने भी पार्क बने हैं वो खुले हैं, जहां होस्ट स्पीशीज तितलियां ही आती हैं। यह प्रदेश का पहला इंडोर पार्क है जिसमें तितलियां संरक्षित की जाएंगी।


तितलियों का संरक्षण जरूरी

मशहूर पर्यावरणविद माइक हरिगोंविद पाण्डेय कहते हैं कि बढ़ते प्रदूषण, कीट नाशकों के बढ़ते इस्तेमाल ने तितलियों को काफी क्षति पहुंचाई है। प्राणि उद्यान में तितली पार्क बनने से लोगों में जागरूकता आएगी। बावजूद इसके तितलियों के संरक्षण देने के लिए पार्क में छोटे-छोटे वाइल्ड पैच छोड़ने होंगे। वहां उनके होस्ट प्लांट लगाने होंगे। असल में तितलियों की मौजूदगी इकोसिस्टम के लिए काफी जरूरी है। यह फसलों का परागण भी करती हैं।

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