Read this also: रेप का केस दर्ज होने के बाद एपीओ ने रोजगार सेवक से रचाई शादी स्वामी प्रसाद मौर्य व उनके समर्थकों पर पडरौना में रुपये व साड़ी बांटने का आरोप लगा था। इसी तरह बिना अनुमति बैठक कर रुपये बांटने, बिना अनुमति खिरकिया बाजार में सभा करने तथा शाम को काफिले के साथ सिधुआ बाजार में बैठक करने के मामले में कोतवाली पुलिस काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर कई केस दर्ज किए थे।
2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा से भाजपा में चले आए। भाजपा के सिंबल पर विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद वह मंत्री बने।
भाजपा सरकार ने इसके बाद उन पर केस वापस लिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की। सरकार की संस्तुति पर बीते दिनों राज्यपाल ने अनुमति दे दी। राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद कुशीनगर में अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी गोरख प्रसाद यादव ने अपर सत्र न्यायालय/विशेष
अदालत एमपी/एमएलए में पत्रावलि पेश कर केस से बरी किए जाने की मांग की। इसके बाद उनको सभी चार केसों से बरी किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई।
बता दें कि बीते दिनों इन केसों में काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया। लेकिन वह किसी भी सुनवाई में पेश नहीं हुए थे। अब सरकार के आदेश के बाद उन पर से केस वापस कर लिया गया है।
2017 में स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा से भाजपा में चले आए। भाजपा के सिंबल पर विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद वह मंत्री बने।
भाजपा सरकार ने इसके बाद उन पर केस वापस लिए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ की। सरकार की संस्तुति पर बीते दिनों राज्यपाल ने अनुमति दे दी। राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद कुशीनगर में अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी गोरख प्रसाद यादव ने अपर सत्र न्यायालय/विशेष
अदालत एमपी/एमएलए में पत्रावलि पेश कर केस से बरी किए जाने की मांग की। इसके बाद उनको सभी चार केसों से बरी किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई।
बता दें कि बीते दिनों इन केसों में काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया। लेकिन वह किसी भी सुनवाई में पेश नहीं हुए थे। अब सरकार के आदेश के बाद उन पर से केस वापस कर लिया गया है।