कारी मो. अनस रजवी ने नए निकाहनामे को लेकर कहा कि मॉडल निकाहनामा समय की अनिवार्य जरूरत है। दीन-ए-इस्लाम में बरात व बरात की दावत का कोई सिस्टम नहीं है। इसके बावजूद बरात व बरात की दावत को निकाह का आवश्यक हिस्सा बना दिया गया। उन्होंने कहा कि अब गलत रस्मों को खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने अपील की है कि सभी निकाह मस्जिद में शरीयत के मुताबिक हो।
धोखाधड़ी के मामलों पर लगेगी रोक निकाह के वक्त दूल्हा व दुल्हन पक्ष को निकाहनामा की कॉपी दी जाएगी। निकाहनामा ऑनलाइन भी मिल सके इसके लिए वेबसाइट भी बनाई जाएगी ताकि रजिस्टर्ड नंबर के जरिये निकाहनामा ऑनलाइन हासिल किया जा सके। यह निकाहनामा इसलिए तैयार किया गया है ताकि धोखाधड़ी को रोका जा सके। कारी मो. अनस रजवी ने कहा कि महर की रकम दुल्हन तय करे। निकाह व तलाक के सही नियमों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए। इन्हीं सब मकसदों के तहत मॉडल निकाहनामा तैयार किया गया है। निकाहनामा के पीछे उसके ताल्लुक से विवरण मौजूद रहेगा।