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गोरखपुर

Gorakhpur crime : गोरखपुर में दो सौ वर्ष पुरानी मूर्तियां की गई खंडित, दूसरे समुदाय पर मंदिर कब्जाने का आरोप

Gorakhpur crime : कोतवाली थाना क्षेत्र के जाफरा बाजार स्थित मंदिर की भूमि पर कब्जे को लेकर दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति से विवाद चल रहा है। मामला न्यायालय में लंबित है। पुलिस को सूचना मिली कि शीश महल मंदिर में चोरी हो गई है इतना ही नहीं बल्कि वारदात करने वाले ने कई मूर्तियों को तोड़ दिया है। इसके बाद दोनों समुदाय में तनाव की स्थिति हो गई।

गोरखपुरOct 01, 2024 / 03:45 pm

anoop shukla

शहर के कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित जाफरा बाजार में स्थित शीश महल मंदिर में शनिवार रात चोरी की एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई, जिसमें चोर ने कई मूर्तियों को तोड़कर उन्हें खंडित कर दिया। यह सभी मूर्तियां लगभग 200 वर्ष पुरानी बताई जा रही हैं। चोर ने मूर्तियों के पादुका, ठाकुर जी का सिंहासन, पीतल का घंटा, और अन्य बर्तन भी चोरी कर लिए।मंदिर की देखरेख करने वाले परिवार ने इस वारदात को लेकर दूसरे समुदाय पर आरोप लगाया है, कि यह कार्रवाई भूमि पर कब्जा करने की नीयत से की गई। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और संदिग्ध के रूप में एक युवक मोहम्मद अली को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। तिवारीपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और उसके साथियों की तलाश जारी है।

चोरी के आरोप में विशेष समुदाय का युवक गिरफ्तार

शीश महल मंदिर की देखरेख मोहल्ले के अनिल गुप्ता, श्याम गुप्ता, और प्रमोद गुप्ता कर रहे हैं। मंदिर की भूमि पर कब्जे को लेकर एक व्यक्ति के साथ विवाद चल रहा है, जो अब न्यायालय में लंबित है। वारदात की सूचना मिलते ही कोतवाली के सीओ ओंकार दत्त और प्रभारी निरीक्षक तिवारीपुर अर्चना सिंह अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे और जांच की। मंदिर की छत पर कई खंडित मूर्तियां मिलीं।घटना के बाद स्थानीय पार्षद अभिषेक शर्मा और अन्य नागरिक भी मौके पर पहुंचे, और उन्होंने अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की। इस बीच, मोहम्मद अली को पकड़ने के बाद समुदाय के लोगों ने उस पर चोरी का आरोप लगाया।

धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल

मंदिर की देखरेख करने वाले परिवार ने तहरीर में उल्लेख किया है कि चोरी की गई 15 मूर्तियां 200 वर्ष पुरानी थीं, और सभी को तोड़कर नुकसान पहुंचाया गया। बताया गया है कि चोर ने मंदिर के गेट को अंदर से बंद कर दिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह एक सुनियोजित वारदात थी। उनका आरोप है कि जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करने वाले व्यक्ति ने मंदिर के अस्तित्व को मिटाने के लिए यह कृत्य किया है।इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है, बल्कि यह धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए हैं।

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