इतना ही नहीं, उसने INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे लड़ाकू जहाजों की फोटो भी पाकिस्तान भेजी थी। इसके अलावा पाकिस्तानी महिला आरोपी कर्मचारी के बैंक खाते में काफी रुपए जमा कराए थे। जिसे आरोपी ने अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए। जिस बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर किए गए, वो सभी देश में ISI से जुड़े संदिग्ध खाते हैं।
पाकिस्तान के रुपयों से बनवा रहा था घर।इसके लिए उसे मुंह मांगी रकम मिलती थी। उसने ISI के जरिए इतना रुपया कमा लिया कि अब वह चार महीने से छुट्टी लेकर अपने घर गोरखपुर आ गया था। यहां इन रुपयों से वो अपना मकान बनवा रहा था। लेकिन, इससे पहले ATS ने उसे दबोच लिया। ATS थाना लखनऊ में उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। टीम ने उसके पास से एक मोबाइल, आधार कार्ड, पैनकार्ड, वोटर आईडी कार्ड, डेबिट कार्ड और ग्रीन रेमिट कार्ड समेत कुछ कैश रुपए बरामद किए हैं।
अब तक की पूछताछ में उसने कई ऐसे चौकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसे सुनकर ATS अफसरों के भी होश उड़ गए। UP ATS के IG निलाब्जा चौधरी ने बताया, आरोपी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर ATS ISI से जुड़े पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। आशंका है कि पाकिस्तानी महिला ने मर्चेंट नेवी के सिर्फ एक नहीं कई कर्मचारियों को अपनी जाल में फंसाया है। वो अन्य कर्मचारियों को भी रुपयों का लालच देकर जासूसी कराती होगी। जल्द ही इस नेटवर्क से जुड़े कुछ और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
दरअसल, पिपराइच इलाके का रहने वाला राम सिंह मर्चेंट नेवी में गोवा में काम करता था। वह अपने मां-बाप का इकलौता बेटा है। उसके पिता जय सिंह की करीब 15 साल पहले मौत हो चुकी है। करीब चार महीने पहले ही वह गोवा से अपने गांव आया था, तब से गांव पर ही रह रहा था। गुरुवार की शाम को पिपराइच पुलिस के साथ ATS उसके घर पहुंची और पूछताछ के लिए पहले पिपराइच थाने ले आई।
फेसबुक से हुई थी पाकिस्तानी महिला से दोस्ती
यहां करीब चार घंटों की पूछताछ में जब ATS उसकी बातों से संतुष्ट नहीं हुई तो फिर उसे लेकर टीम लखनऊ चली गई। पूछताछ में पता चला कि राम सिंह करीब 3 साल पहले फेसबुक के जरिए तथाकथित पाकिस्तानी महिला जासूस से संपर्क में आ गया। दोनों में बातचीत शुरू हुई और फिर यह दोस्ती फेसबुक से व्हाट्सअप तक पहुंच गई। राम सिंह गोवा शिपयार्ड नेवल बेस में पार्ट टाइम वर्कर के तौर पर भारतीय नौसेना के लड़ाकू जहाजों में इनसुलेशन लगाने का काम करता था।
यहां करीब चार घंटों की पूछताछ में जब ATS उसकी बातों से संतुष्ट नहीं हुई तो फिर उसे लेकर टीम लखनऊ चली गई। पूछताछ में पता चला कि राम सिंह करीब 3 साल पहले फेसबुक के जरिए तथाकथित पाकिस्तानी महिला जासूस से संपर्क में आ गया। दोनों में बातचीत शुरू हुई और फिर यह दोस्ती फेसबुक से व्हाट्सअप तक पहुंच गई। राम सिंह गोवा शिपयार्ड नेवल बेस में पार्ट टाइम वर्कर के तौर पर भारतीय नौसेना के लड़ाकू जहाजों में इनसुलेशन लगाने का काम करता था।
शिपयार्ड में बहुत सारे नेवी के लड़ाकू जहाज जैसे INS विक्रमादित्य, INS विक्रांत आदि आते थे। राम सिंह ने पाकिस्तानी एजेंट को भारतीय नौसेना के लड़ाकू जहाजों की फोटो भी भेजी है। पाकिस्तानी महिला जासूस ने राम सिंह के बैंक खाते में काफी रुपए भी जमा कराए थे। जमा कराये गये रूपयों को राम सिंह ने पाकिस्तानी एजेंट के कहने पर ISI के लिये काम करने वाले एजेंटों के बैंक खातो में ट्रांसफर करता था।