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गोरखपुर

गिट्टी, बालू और मोरंग की कीमत में आएगी कमी, अब यहां से होगी सप्लाई

नेपाल अपने देश की गरीबी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश को गिट्टी, बालू और मोरंग बेचेगा। ऐसे होने से प्रदेश में गिट्टी-मोरंग, बालू की कीमत में भी कमी आएगी और लोगों को रोजगार मिलेगा।

गोरखपुरJun 02, 2021 / 06:59 pm

Abhishek Gupta

Gitti Maurag

Gitti Maurag

गोरखपुर. Sand Balu loose rock price in Uttar Pradesh. नेपाल अपने देश की गरीबी को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश को गिट्टी, बालू और मोरंग बेचेगा। ऐसे होने से प्रदेश में गिट्टी-मोरंग, बालू की कीमत में भी कमी आएगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। नेपाली वित्त मंत्री विष्णु पौडेल ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पेश किए गए बजट में इसकी घोषणा की है। इस फैसले के बाद अब सात साल बाद नेपाल के कई बार्डर से गिट्टी, पत्थर की यूपी में सप्लाई होगी। 2017 में पर्यावरण का हवाला देकर नेपाल सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।
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पहले सस्ता पड़ता था गिट्टी-मोरंग-
पहले नेपाल के भैरहवा, वीरगंज, कृष्णानगर, विराटनगर से भारी तादात में गिट्टी-मोरंग, बालू और पत्थर की आपूर्ति भारत में होती थी। गिट्टी बालू संघ के अध्यक्ष पप्पू खान का कहना है कि पहले इस व्यवसाय से करीब 500 लोग जुड़े थे। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित सोनौली पूर्वी यूपी की सबसे बड़ी गिट्टी मंडी हुआ करती थी। यह हजारों मजदूर, सैकड़ों ट्रक ड्राइवर, खलासी, प्राइवेट कर्मचारियों के लिए रोजगार का बड़ा केंद्र था। सोनौली कस्टम एंड ट्रांसपोर्ट एजेंट संघ के अध्यक्ष सुरेश मणि त्रिपाठी का कहना है कि सोनौली के रास्ते प्रतिदिन करीब 400 ट्रक गिट्टी-बालू नेपाल से आता था। गिट्टी-बालू के प्लॉट होने के कारण कई लोगों ने अपनी जमीनें किराए पर दे दी थीं, जिससे उन्हें अच्छी कमाई भी होती थी। लेकिन 2017 में नेपाल कोर्ट के फैसले के बाद नेपाल से निर्यात बंद होने हो गया। जिससे यहां के उघोग पूरी तरह से ठप हो गए थे।
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मध्यप्रदेश से होती थी आपूर्ति, जिससे बढ़े थे दाम-
उसके बाद से सोनभद्र, प्रयागराज के शंकरगढ़ और मध्यप्रदेश से बालू ईंट की आपूर्ति हो रही है। इससे भाड़ा भी अत्यधिक देना पड़ जाता है, जबकि नेपाल से जो गिट्टी आती थी, वह करीब 10 रुपये वर्ग फुट सस्ती पड़ती। वहीं उघोग ठप पड़ने से लोग दूसरी जगहों जैसे सोनभद्र का रुख भी करने लगे। गिट्टी बालू कारोबारी अमित जायसवाल के अनुसार, मंडी खुलने से गिट्टी-बालू सस्ता होगा। व्यवसायी सुरेश चंद्र के मुताबिक इससे राजस्व का भी बहुत फायदा होगा।
कोरोना कर्फ्यू से पहले तक, यूपी जालौन में गिट्टी 75 रुपए फीट बिक रही, मौरंग 80 रुपए फीट, सरिया 70 रुपए किलो बिक रही थी। कीमतें बढ़ने से लोग मकान बनाने में कम दिलचस्पी ले रहे हैं।

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