2015 के हाईवे जाम का मामला, हुआ था हंगामा
यह मामला साल 2015 का है, जब एक विवादित घटना के बाद मृतक के शव को लेकर रामभुआल निषाद के नेतृत्व में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए थे। उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पटना चौराहे पर शव को नेशनल हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया था, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया था। पुलिस की कोशिशों के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने जाम हटाने से इनकार कर दिया और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की और अभद्रता भी की।
हाईवे पर घंटो ट्रैफिक रहा बाधित, कड़ी मशक्कत के बाद खुला
इस घटना के चलते नेशनल हाईवे पर घंटों यातायात बाधित रहा, और पुलिस को जाम खुलवाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ते तनाव ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया था। अंततः पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम हटवाया और मामले को नियंत्रण में लिया। इस मामले में भाजपा विधायक राजेश त्रिपाठी सहित कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 10 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन रामभुआल निषाद ने कोर्ट में पेशी से बार-बार इंकार किया, जिसके चलते उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए SO बड़हलगंज को निर्देश दिया है कि वे सांसद को तुरंत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करें।
मेनका गांधी को हराकर बने हैं सांसद
रामभुआल निषाद, जो गोरखपुर के निवासी हैं, ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को हराकर सुल्तानपुर से सांसद पद हासिल किया था। यह चुनावी जीत उस समय एक बड़ी राजनीतिक जीत मानी गई थी, जिसमें उन्होंने मेनका गांधी को हराकर बड़ी उलटफेर की थी।