गोरखपुर

Railway News : गोरखपुर से बस्ती के बीच लगेगा पहला “कवच”, बेधड़क दौड़ेंगी ट्रेनें

पूर्वोत्तर रेलवे में कवच का वर्जन-4 लगेगा। इसके लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। इस पर 467 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लगभग 3,295 किमी तक फाइबर बिछाने का काम पूरा हो गया है। शेष 155 किमी का काम चल रहा है। इसके पूरा होने के बाद टॉवर और ट्रैक पर रेडियो फ्रक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) लगाने का काम शुरू होगा। तीनों काम पूरा हो जाने के बाद रूट कवच से लैस हो जाएगा।

गोरखपुरSep 27, 2024 / 06:19 pm

anoop shukla

रेलवे ट्रैक पर दो ट्रेनों के बीच टक्कर रोकने वाला स्वदेशी उपकरण कवच एनईआर में सबसे पहले गोरखपुर से बस्ती के बीच इस साल के अंत तक सक्रिय हो जाएगा। इस खंड में चल रहे ऑटो ब्लॉक सिग्नल सिस्टम का काम पूरा होते ही कवच प्रणाली को लगाने का काम भी शुरू हो जाएगा।31 मार्च 2025 तक लखनऊ से छपरा के बीच इस सिस्टम से ट्रेनों का संचालन होने लगेगा। इसके बाद सीतापुर-बुढ़वल खंड पर काम शुरू होगा।

लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रेल मार्ग जल्द होंगा चार ट्रैक

लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रेल मार्ग रेलवे के एचडीएन (हाई डेंसिटी नेटवर्क) श्रेणी में है। इस पर यात्रियों की भीड़ के चलते सर्वाधिक संख्या में ट्रेनों का आवागमन होता है। गोरखपुर स्टेशन से हर दिन करीब 180 ट्रेन व 40 से अधिक मालगाड़ियों का आवागमन होता है। ट्रेनों की बढ़ती संख्या के बीच हादसे की आशंका भी सर्वाधिक इसी रूट पर है। इसे ध्यान में रखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे ने इस पूरे रूट पर तीसरी लाइन बनाने का काम शुरू किया है। इसके बाद अब चौथी लाइन के लिए भी सर्वे हो रहे हैं। साथ ही ऑटो ब्लॉक सिग्नल सिस्टम भी लगाया जा रहा है।

तीन मिनट के अंतराल पर आगे पीछे चलने लगेंगी ट्रेनें

इस सिस्टम के लागू होने पर एक ही ट्रैक पर तीन मिनट के अंतराल पर आगे-पीछे ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।भीड़ और नई तकनीक लागू होने पर हादसे की आशंका और बढ़ेगी। इसे देखते हुए रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि लखनऊ से छपरा के बीच लगने वाली कवच प्रणाली की शुरूआत भी सबसे पहले वहीं से होगा, जहां ऑटो ब्लॉक सिग्नल सिस्टम का काम पूरा होगा। इसीलिए एनईआर में सबसे पहले यह सुविधा गोरखपुर से बस्ती के बीच शुरू होगी।

छठ पर्व तक पूरा खंड हो जायेगा ऑटो ब्लॉक सिस्टम

बस्ती से गोरखपुर के बीच जगतबेला से चुरेब तक ऑटो ब्लॉक सिग्नल सिस्टम लग चुका है। चुरेब से बस्ती के बीच काम चल रहा है। वहीं जगतबेला से डोमिनगढ़ के बीच नाॅन इंटरलाकिंग का काम बाकी है। छठ पूजा के बाद एक सप्ताह में इंटरलाकिंग का काम पूरा होते ही गोरखपुर से बस्ती के बीच पूरा खंड ऑटो ब्लॉक सिस्टम से जुड़ जाएगी। अब गोरखपुर से छपरा के बीच भी तेजी से काम चल रहा है।

जानिए कवच की खूबियां

कवच एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें अगर दो ट्रेनें आमने-सामने आ जाएं तो एक निश्चित दूरी पर वे खुद रुक जाएंगी। कवच प्रणाली लोको पॉयलट के सभी क्रियाकलापों जैसे ब्रेक, हार्न, थ्रोटल हैंडल आदि की मॉनिटरिंग करती है। ड्राइवर से किसी प्रकार की चूक होने पर कवच पहले ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अलर्ट करेगा। लाल सिग्नल पार होते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा। साथ ही, पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद हो जाएंगी। पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचाएगा।

CPRO पूर्वोत्तर रेलवे

पूर्वोत्तर रेलवे के CPRO पंकज कुमार सिंह ने बताया की संरक्षा और सुरक्षा समेत आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कई परियोजनाएं प्रगति पर हैं। लखनऊ-गोरखपुर-छपरा रूट पर ऑटो ब्लॉक सिस्टम का काम पूरा होने के बाद कवच प्रणाली की स्थापना का काम होगा। इससे इस अति व्यस्त रूट पर आवागमन और सुरक्षित हो जाएगा।

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