गोरखपुर

कल्याण पत्रिका के संपादक रहे राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण सम्मान

सनातन धर्म के विचारों के प्रसार के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले राधेश्याम खेमका को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है। यह लगभग 40 वर्ष तक गोरखपुर की प्रसिद्ध गीता प्रेस से जुड़े रहे और धार्मिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन करते रहे। उनके द्वारा संपादित की गई ‘कल्याण’ नामक पत्रिका ऐसी पत्रिका है जिससे शायद ही हिंदुस्तान का कोई व्यक्ति न जानता हो। यह मूल रुप से बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे।

गोरखपुरJan 26, 2022 / 08:48 am

Punit Srivastava

गोरखपुर स्थित गीता प्रेस के अध्यक्ष और कल्याण पत्रिका के संपादक का दायित्व संभालते हुए राधेश्याम खेमका वाराणसी की प्रसिद्ध संस्‍थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल, बिड़ला अस्‍पताल, काशी गोशाला ट्रस्‍ट से भी जुड़े रहे। उनका जन्म 12 दिसंबर 1935 को मुंगेर, बिहार में हुआ था। कालांतर में वे वाराणसी आ गए। यहीं के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा ली। एमए व साहित्य रत्न की उपाधियां लीं।और फिर जीवन काशी से ही जुड़े रहे, यहां तक कि तीन अप्रैल 2021 को काशी में ही अंतिम सांस ली।
राधेश्याम खेमका ने सबसे पहले वर्ष 1982 में गीता प्रेस से प्रकाशित होने वाली पत्रिका कल्याण के विशेषांक का संपादन किया था। उसके बाद वर्ष मार्च 1983 से वह लगातार कल्याण के संपादन का कार्य संभालते रहे। 86 वर्ष की उम्र में तबियत खराब होने के बावजूद उन्होंने अप्रैल 2021 तक के कल्याण के अंकों का पूरे उत्साह के साथ संपादन किया। उनके संपादन में कल्याण के 40 वार्षिक विशेषांक, 460 संपादित अंक प्रकाशित हुए।
इस दौरान कल्याण की नौ करोड़ 54 लाख 46 हजार प्रतियां प्रकाशित हुईं। कल्याण में पुराणों एवं लुप्त हो रहे संस्कारों व कर्मकांड की पुस्तकों का प्रामाणिक संस्करण भी उनके राधेश्याम खेमका के संपादन में ही प्रकाशित हुआ। वह 2014 से गीता प्रेस ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। ट्रस्ट का अध्यक्ष रहते हुए पिछले वर्ष तीन अप्रैल को 86 वर्ष की उम्र में उनका निधन वाराणसी में हो गया।
विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े थे राधेश्याम खेमका
राधेश्याम खेमका ने 40 वर्षों से गीता प्रेस में अपनी भूमिका का निर्वाहन करते हुए अनेक धार्मिक पत्रिकाओं का संपादन किया। उनमें कल्याण प्रमुख है। साथ ही वह वाराणसी की प्रसिद्ध संस्थाओं मारवाड़ी सेवा संघ, मुमुक्षु भवन, श्रीराम लक्ष्मी मारवाड़ी अस्पताल गोदौलिया, बिड़ला अस्पताल मछोदरी, काशी गोशाला ट्रस्ट सहित विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं से जुड़े रहे।
इन विशेषांक का किया संपादन
श्रीवामन पुराण अंक, चरितनिर्माण अंक, श्रीमत्स्य पुराण अंक (पूर्वार्ध), श्रीमत्स्य पुराण अंक (उत्रार्ध), संकीर्तन अंक, शक्ति उपासना अंक, शिक्षा अंक, पुराणकथा अंक, देवता अंक, योगतत्वांक, संक्षिप्त भविष्य पुराण अंक, श्रीराम भक्ति अंक, गो सेवा अंक, धर्मशास्त्र अंक, कूर्मपुराण अंक, भगलल्लीला अंक, वेद कथा अंक, संक्षिप्त गरुड़ पुराण अंक, आरोग्य अंक, नितिसार अंक, भगवत प्रेम अंक, व्रतपर्वोत्सव अंक, देवीपुराण (शक्तिपीठांक), अवतार कथा अंक, संस्कार अंक, श्रीमद्देवी भागवत अंक (पूर्वार्ध), श्रीमद्देवी भागवत अंक (उत्रार्ध), जीवनचर्या अंक, दानमहिमा अंक, श्रीलिंग महापुराण अंक, भक्तमाल अंक, ज्योतितत्वांक, सेवा अंक, गङ्गा अंक, शिव महापुराण अंक (पूर्वार्ध), शिव महापुराण (उत्रार्ध), श्रीराधा माधव अंक, बोधकथा अंक, श्री गणेश पुराण अंक।

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