बता दें कि शराब की बोतलों पर बार कोड की व्यवस्था चार साल से चल रही है, लेकिन अभी तक क्यू आर कोड को स्कैन करके शराब बेचने की अनिवार्यता नहीं है। इस कारण लाइसेंस धारक स्टॉक में हेरफेर कर देते हैं। नई व्यवस्था लागू होने के बाद लाइसेंसी दुकानदार आवंटित शराब की बिक्री दूसरी दुकान पर नहीं कर सकेंगे। इससे आबकारी विभाग को रोजाना होने वाली बिक्री का भी आसानी से पता चल जाएगा। नई व्यवस्था के लिए आगरा के साथ लखनऊ, प्रयागराज, उन्नाव, गोंडा, कानपुर, कानपुर देहात और कौशाम्बी आदि जिलों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
यह भी पढ़ें- कालीचरण महाराज के बिगड़े बोल, महिलाओं और मुसलमानों को लेकर की ये अभद्र टिप्पणी प्रिंट रेट से ज्यादा नहीं ले सकेंगे दुकानदार अक्सर देखने में आ रहा है कि शराब ठेकों पर ग्राहकों से प्रिंट रेट से अधिक दाम वसूले जाते हैं। अब नई व्यवस्था के बाद यह शिकायत भी खत्म हो जाएगी। आबकारी विभाग ने ग्राहकों से अपील की है कि वह क्यूआर कोड स्कैन कराने के बाद भुगतान करे और ओवर रेटिंग से बचें।
यह भी पढ़ें- जानें क्यों पीएम मोदी की चहेती हैं खुशी गोस्वामी, खुद खोला ये राज मशीन से छेड़छाड़ करने पर निरस्त होगा लाइसेंस जिला आबकारी अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि गोरखपुर में शराब की मॉडल शॉप के साथ अंग्रेजी, देसी और बीयर की कुल 551 शराब की दुकानों पर नई व्यवस्था लागू की जा रही है। सभी लाइसेंस धारकों को आबकारी विभाग की ओर से मुफ्त में पाश मशीन दी जा रही है। मशीन से पहली बार छेड़छाड़ करने पर 32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं दूसरी बार छेड़छाड़ करने पर लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।