एटीएस ने मुर्तजा की फेसबुक आइडी सर्च करना शुरू किया तो पता चला कि वह एक दो नहीं, बल्कि फेकबुक पर छह फेकबुक आइडी रखता था। समय-समय पर वह उसका प्रयोग करता था। उसका पासवर्ड भी इतना टेक्नीकल होता था कि उसे आसानी डिकोड नहीं किया जा सकता था। एटीएस को इन फेसबुक के पासवर्ड मुर्तजा से ही पता चले हैं।
एटीएस को अभी तक उसकी फ्रैंडलिस्ट में सिर्फ एक गैर मुस्लिम मिला है। उसके मित्रों में अधिकांश विदेशी हैं या महाराष्ट्रा के। गोरखपुर व आसपास के जिलों में उसका कोई मित्र नहीं मिला है। फेसबुक के अलावा इंस्टाग्राम, टेलीग्राम व ट्विटर पर भी मुर्तजा का एक-एक एकाउंट मिला है। एटीएस का मानना है कि मुर्तजा दिमागी रूप से बेहद मजबूत हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम के पासवर्ड लंबे और बेहद जटिल हैं, लेकिन सभी उसे आसानी से याद हैं। उसके जानने वालों के अधिकांश मोबाइल नंबर उसे जुबानी याद हैं। एटीएस का मानना है कि जिसे इतने न्यूमेरिक नंबर जुबानी याद हों, वह मानसिक रूप से कमजोर नहीं हो सकता है।
गोरखनाथ मंदिर पर सुरक्षा में लगे पीएसी जवानों पर हमला करने के मामले में जांच कर रही एटीएस की टीम ने डीएम विजय किरन आनंद से मिलकर उन्हें जांच की प्रगति बताई और जांच से जुड़ी कुछ तकनीकी दिक्कतों के बारे में जानकारी भी दी।