जान बचाने को इधर से उधर भागे माफिया
कुछ दिन पहले ही बाद पश्चिमी यूपी के खूंखार बदनाम नाम रहे अनिल दुजाना का अंत UP STF ने किया है। इसके बाद से लिस्ट में शामिल 60 मोस्ट वॉन्टेड माफिया की हालत गुम। सभी 60 बदमाश इस वक्त सिर्फ और सिर्फ पुलिस और कानून के शिकंजे से खुद की जान बचाने को इधर से उधर भागे फिर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही बाद पश्चिमी यूपी के खूंखार बदनाम नाम रहे अनिल दुजाना का अंत UP STF ने किया है। इसके बाद से लिस्ट में शामिल 60 मोस्ट वॉन्टेड माफिया की हालत गुम। सभी 60 बदमाश इस वक्त सिर्फ और सिर्फ पुलिस और कानून के शिकंजे से खुद की जान बचाने को इधर से उधर भागे फिर रहे हैं।
लिस्ट में शामिल 60 मोस्ट वॉन्टेड माफिया में से एक डॉन सुधीर कुमार सिंह जिसकी कहानी किसी फिल्म से काम नहीं है। यह वही गोरखपुर के सफेदपोश माफिया डॉन सुधीर कुमार सिंह है, जो कुछ महीने पहले तक अपनी जेब में हाईकोर्ट का ‘अरेस्ट स्टे ऑर्डर’ लेकर मौज लिया करता था। लेकिन जब से पुलिस ने ब्लैक लिस्ट में नाम दर्ज किया है। तब से मोस्ट वॉन्टेड माफिया जिंदगी बदतर हो गई है।
पुलिस कानूनी एक्शन लिए बैठी है
गोरखपुर पुलिस के अनुसार, मोस्ट वॉन्टेड माफिया सुधीर कुमार सिंह के खिलाफ गीडा, कैंट सहित तमाम थानों में मुकदमे दर्ज हैं। गीडा थाने के इस हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ गुंडा-गैंगस्टर एक्ट के तहत भी पुलिस कानूनी एक्शन लिए बैठी है। इसके बाद भी यह पुलिस के काबू नहीं आया। फिर प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से यूपी पुलिस ने ऐसे 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की एक ब्लैक लिस्ट बनाई। जिसमें इस बेकाबू बदमाश को भी नाम दर्ज किया गया।
गोरखपुर पुलिस के अनुसार, मोस्ट वॉन्टेड माफिया सुधीर कुमार सिंह के खिलाफ गीडा, कैंट सहित तमाम थानों में मुकदमे दर्ज हैं। गीडा थाने के इस हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ गुंडा-गैंगस्टर एक्ट के तहत भी पुलिस कानूनी एक्शन लिए बैठी है। इसके बाद भी यह पुलिस के काबू नहीं आया। फिर प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से यूपी पुलिस ने ऐसे 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की एक ब्लैक लिस्ट बनाई। जिसमें इस बेकाबू बदमाश को भी नाम दर्ज किया गया।
जानिए माफिया डॉन सुधीर कुमार सिंह की क्राइम कुंडली के बारे में। यह गोरखपुर जिला पुलिस की टॉप-10 मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल है। किसी जमाने में देवरिया पुलिस इसे तड़ीपार घोषित कर दिया था। इसके बाद भी यह बदमाश कभी पकड़ा नहीं गया। पुलिस और कानून पर रौब गांठने की मैली हसरत में ही यह कालांतर में पिपरौली ब्लॉक का प्रमुख भी बन चुका है।
पुलिस से भी हो चुकी है मुठभेड़
बाद में इसने चुनाव में अपनी पत्नी को उतार दिया। पत्नी की दावेदारी को जिला प्रशासन ने खारिज कर दिया था। इसके बाद सुधीर कुमार सिंह तिलमिलाकर रह गया था। साल 2021 के जून महीने में इसका आमना-सामना पुलिस से हो गया था। दोनों तरफ से ताबड़तोड़ से गोलियां चलीं। उस गोलीकांड में पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया था। उस वक्त इसके कब्जे से पिस्तौल और जिंदा कारतूस मिले थे।
बाद में इसने चुनाव में अपनी पत्नी को उतार दिया। पत्नी की दावेदारी को जिला प्रशासन ने खारिज कर दिया था। इसके बाद सुधीर कुमार सिंह तिलमिलाकर रह गया था। साल 2021 के जून महीने में इसका आमना-सामना पुलिस से हो गया था। दोनों तरफ से ताबड़तोड़ से गोलियां चलीं। उस गोलीकांड में पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया था। उस वक्त इसके कब्जे से पिस्तौल और जिंदा कारतूस मिले थे।
कई केस दर्ज है माफिया के ऊपर
उस गिरफ्तारी में गीडा इंस्पेक्टर दिनेश दत्त मिश्रा ने इसके खिलाफ थाना गीडा में मुकदमा दर्ज किया था। हत्या की कोशिश, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, पुलिस पार्टी पर हमला करने और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। गोरखपुर पुलिस के मुताबिक, जिला-बदर कर दिए जाने के बाद भी 25 मई 2021 को अपनी चचेरी बहन की शादी में पहुंचा था।
उस गिरफ्तारी में गीडा इंस्पेक्टर दिनेश दत्त मिश्रा ने इसके खिलाफ थाना गीडा में मुकदमा दर्ज किया था। हत्या की कोशिश, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, पुलिस पार्टी पर हमला करने और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। गोरखपुर पुलिस के मुताबिक, जिला-बदर कर दिए जाने के बाद भी 25 मई 2021 को अपनी चचेरी बहन की शादी में पहुंचा था।
बहन की शादी में हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर लेकर पहुंचा डॉन
पुलिस ने जैसे ही डॉन को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो मास्टरमाइंड बदमाश ने पुलिस पार्टी को अपनी जेब में पहले से ही मौजूद, इलाहाबाद हाईकोर्ट से ‘गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर’ थमा दिया। इसके बाद पुलिस ने उसकी तीन लग्जरी कारें सीज करके तसल्ली कर ली। इसकी शाहपुर में एक एल्यूमिनियम फैक्टरी भी थी। उसे भी कानूनी कब्जे में लिया जा चुका है। अब तक मोस्ट वॉन्टेड माफिया की 10 करोड़ की प्रॉपर्टी सील कर दी गई है। बैंक खाते भी सीज कर दिया गया है।
पुलिस ने जैसे ही डॉन को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो मास्टरमाइंड बदमाश ने पुलिस पार्टी को अपनी जेब में पहले से ही मौजूद, इलाहाबाद हाईकोर्ट से ‘गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर’ थमा दिया। इसके बाद पुलिस ने उसकी तीन लग्जरी कारें सीज करके तसल्ली कर ली। इसकी शाहपुर में एक एल्यूमिनियम फैक्टरी भी थी। उसे भी कानूनी कब्जे में लिया जा चुका है। अब तक मोस्ट वॉन्टेड माफिया की 10 करोड़ की प्रॉपर्टी सील कर दी गई है। बैंक खाते भी सीज कर दिया गया है।
35-38 आपराधिक मामले दर्ज है लेकिन पुलिस के हाथ नहीं लगा
बीते साल ही जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार सदर और सहजनवां ने इसके दो मकान, जमीनें, गाड़ियों को कब्जे में लेकर सील कर दिया था। उस दौरान माफिया के चार बैंक खाते भी सीज किए गए थे। गोरखपुर पुलिस क अनुसार, सुधीर सिंह पर करीब 35-38 आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन अब तब पुलिस के हाथ नहीं लगा है। इसीलिए अब इसका नाम उस ब्लैक लिस्ट में शुमार कर दिया गया है।
बीते साल ही जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार सदर और सहजनवां ने इसके दो मकान, जमीनें, गाड़ियों को कब्जे में लेकर सील कर दिया था। उस दौरान माफिया के चार बैंक खाते भी सीज किए गए थे। गोरखपुर पुलिस क अनुसार, सुधीर सिंह पर करीब 35-38 आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन अब तब पुलिस के हाथ नहीं लगा है। इसीलिए अब इसका नाम उस ब्लैक लिस्ट में शुमार कर दिया गया है।