गोरखपुर

गोरखपुर में वकीलों का SSP ऑफिस पर प्रदर्शन, मांगों के समर्थन में दिए ज्ञापन

गोरखपुर में वकीलों का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले एक वकील पर दो युवक हमला करने की नियति से आए थे लेकिन समय रहते वकीलों ने भांप लिया और जमकर पीटा।

गोरखपुरNov 25, 2024 / 04:32 pm

anoop shukla

गोरखपुर में वकीलों का प्रदर्शन अभी भी जारी है। सोमवार को भी सिविल कोर्ट अधिवक्ता कार्य बहिष्कार पर हैं। सुबह सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता प्रदर्शन करते हुए एक बार फिर पुलिस दफ्तर पहुंचे और यहां उन्होंने SSP से मुलाकात की। वकीलों ने SSP को ज्ञापन सौंपकर कैंट इंस्पेक्टर संजय सिंह को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
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SSP डॉ. गौरव ग्रोवर ने अधिवक्ताओं को बताया, इस मामले में एक और गिरफ्तारी करने को कहा गया है। जबकि, बड़हलगंज मामले में जल्द ही हल निकाला जाएगा। कैंट इंस्पेक्टर को हटाने की प्रक्रिया चल रही है।

वकील पर हमला करने वाले दो आरोपी कचहरी में पीटे गए

दरअसल, 18 नवंबर को अधिवक्ता रविंद्र दुबे पर हमले की साजिश रची गई थी। तीन युवक वकील पर हमला करने सिविल कोर्ट पहुंचे थे। एक कंबल ओढ़कर उनपर हमले की फिराक में था कि इससे पहले वहां मौजूद अधिवक्ताओं को इसकी भनक लग गई।अधिवक्ताओं ने इनमें से दो हमलावरों को पकड़ लिया, जबकि तीसरा युवक, जो कथित तौर पर पिस्टल लेकर आया था, वह फरार हो गया। वकीलों ने पकड़े गए आरोपियों की जमकर पिटाई की और फिर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।स विवाद के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा (307) के तहत केस दर्ज किया। लेकिन अधिवक्ताओं का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें जल्दबाजी में थाने से छोड़ दिया, जिसके बाद से ही अधिवक्ता लगातार प्रदर्शन कर कार्यबहिष्कार पर हैं।

कचहरी में तैनात है फोर्स फिर भी सुरक्षा को लेकर बढ़ी वकीलों की चिंता

हालांकि, कोर्ट सहित अन्य संवेदनशील जगहों के सुरक्षा की जिम्मेदारी अब SSF (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) के हाथों में है। बावजूद इसके इस घटना के बाद कचहरी परिसर में हड़कंप मच गया और अधिवक्ता अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।वहीं, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर यह सवाल कि कैसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद आरोपियों को बिना ठोस कार्रवाई के छोड़ दिया गया। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। अधिवक्ताओं ने अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

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