यहां तीन एकड़ जमीन को चिंहित किया गया है। फिलहाल यह जमीन काफी गहरी है। गड्ढों को भरने के बाद यह जमीन उपयोगी हो सकेगी।
फिलहाल महेसरा की जमीन को ही मंदिर बनाने के लिए अभी तक उपयुक्त माना गया है। सारी प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद इस जमीन पर मंदिर निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। मंदिर बनाने के लिए एक सलाहकार समिति का भी गठन किया गया है। वह स्थानीय स्तर पर समन्वय बनाने में सहयोगी साबित होगा।