GIDA को शहर का एंट्री प्वाइंट है। इसके बाद GIDA के आवासीय प्लाॅट कुछ और गांवों में शुरू होने जा रहे हैं। जबकि, कालेसर से आगे बढ़ने पर औद्योगिक एरिया शुरू हो जा रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए GIDA प्रशासन ने कालेसर के पास 200 एकड़ में आवासीय और व्यावसायिक प्लाॅट तैयार करने का फैसला लिया है।
इस टर्मिनल के बनने से शहर का विस्तार और बढ़ेगा
गीडा प्रशासन का मानना है कि इस टर्मिनल के बनने से शहर का विस्तार और बढ़ेगा। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र से अन्य जगहों पर जाने के लिए लोगों को शहर में आने की जरूरत नहीं होगी। लोग कालेसर से ही लखनऊ, वाराणसी सहित अन्य जिलों की यात्रा कर सकेंगे।
गीडा प्रशासन का मानना है कि इस टर्मिनल के बनने से शहर का विस्तार और बढ़ेगा। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र से अन्य जगहों पर जाने के लिए लोगों को शहर में आने की जरूरत नहीं होगी। लोग कालेसर से ही लखनऊ, वाराणसी सहित अन्य जिलों की यात्रा कर सकेंगे।
इसके लिए गीडा प्रशासन ने प्रारूप तैयार करने के लिए एक कंसलटेंट कंपनी को जिम्मेदारी भी सौंप दी है। कंपनी इसके लिए उस इलाके का सर्वे करेगी। टर्मिनल पूरी तरह से आधुनिक होगा
कालेसर में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाने के प्रस्ताव का अनुमोदन गीडा बोर्ड की बैठक में हो चुका है। टर्मिनल पूरी तरह से आधुनिक होगा और यहां हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाए जाने वाले इस बस टर्मिनल में फूड प्लाजा, होटल, बस स्टाफ के ठहरने के लिए कमरों की व्यवस्था होगी।
कालेसर में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल बनाने के प्रस्ताव का अनुमोदन गीडा बोर्ड की बैठक में हो चुका है। टर्मिनल पूरी तरह से आधुनिक होगा और यहां हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाए जाने वाले इस बस टर्मिनल में फूड प्लाजा, होटल, बस स्टाफ के ठहरने के लिए कमरों की व्यवस्था होगी।