Read this also: हिन्दू मुस्लिम एकता कमेटी ने नागरिकता संशोधन बिल को बताया काला कानून रेलवे बोर्ड के साथ रेलवे के अधिकारियों व अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के बीच इसको लेकर लगातार बैठकें हो रहीं व रिपोर्ट्स तैयार हो रहे। रेलवे सूत्रों के अनुसार निजी ट्रेनों के संचालन का अधिकार अब केवल आईआरसीटी के पास नहीं रहेगा बल्कि अन्य बड़ी कंपनियों को भी इसमें शामिल करने की योजना है। तमाम नामी गिरामी कंपनियों ने निजी ट्रेनों के संचालन में रुचि भी दिखाई है।
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संसाधन रेलवे मुहैया कराएगा, खर्च निजी कंपनियां उठाएंगी निजी क्षेत्र में चलने वाली ट्रेनों का संचालन से लेकर रखरखाव सबकुछ निजी कंपनियों के हाथों में होगा। सारा खर्च कंपनियां उठाएंगी। हालांकि, संसाधन रेलवे (Indian Railway)का उपयोग किया जाएगा। यथा पटरियां रेलवे की होंगी। लेकिन कोच से लगायत उपकरण और कर्मचारी कंपनी के होंगे। रेल यात्रा करने वाला यात्री किसी फाइव स्टार सुविधा से कम अनुभव नहीं करेगा। सबसे अहम ये ट्रेनें लेट नहीं होंगी अन्यथा कंपनी पूरी ट्रेन अति आधुनिक होगी, बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। ट्रेनें लेट नहीं होंगी।