बताया जा रहा है कि नर्स के पति दिलीप चौहान की 17 वर्ष पहले मौत हो चुकी है, उनकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने मेडिकल काॅलेज से एक नवजात बच्ची को गोद लिया था। नर्स अपनी ड्यूटी के समय नवजात बच्ची को देखभाल के लिए अपनी भाभी मंशा चौरसिया निवासी मोगलहा थाना गुलरिहा के हवाले कर देती थी। बच्ची दोनों परिवार में घुल मिल गई थी। जब बेटी 11 वर्ष की हो गई तो उसे पिपराइच क्षेत्र के तुर्रा नाले के पास एक स्कूल में प्रवेश दिलाकर हॉस्टल में रख दिया। जहां प्रधानाचार्य उसकी देख-रेख करते हैं।
वर्तमान में किशोरी 14 वर्ष की हो गई है, कक्षा नौ में पढ़ती है। मामा-मामी का आरोप है कि नर्स की मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार करवाकर स्कूल का प्रधानाचार्य किशोरी को लेकर चला गया। अन्य क्रिया कर्म करवाने के लिए जब किशोरी को बुलाने गए तब प्रधानाचार्य ने उसे वहां से हटा दिया। किशोरी की मामी मंशा चौरसिया ने गुलरिहा थाने में लिखित तहरीर दी।